Edited By Mansa Devi,Updated: 28 Nov, 2025 11:34 AM

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कहा है कि उसने मुंबई में बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के मद्देनजर 53 निर्माण स्थलों पर काम रोकने के नोटिस जारी किए हैं। बीएमसी ने बृहस्पतिवार को यह भी निर्देश दिया कि पहले से जारी किए गए वायु प्रदूषण...
नेशनल डेस्क: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कहा है कि उसने मुंबई में बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के मद्देनजर 53 निर्माण स्थलों पर काम रोकने के नोटिस जारी किए हैं। बीएमसी ने बृहस्पतिवार को यह भी निर्देश दिया कि पहले से जारी किए गए वायु प्रदूषण संबंधी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। इन निर्देशों में लगातार काम करने वाले एक्यूआई निगरानी सेंसर लगाना शामिल है। अतिरिक्त महानगरपालिका आयुक्त (शहर) अश्विनी जोशी ने चेतावनी दी कि यदि एक्यूआई सेंसर चालू नहीं पाए गए, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले, बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि अधिकारी महानगर में वायु प्रदूषण के लिए इथोपिया में ज्वालामुखी फटने से उठी राख को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते और एक्यूआई उससे बहुत पहले से ही खराब रहा है। मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने दिल्ली की स्थिति का जिक्र करते हुए पूछा कि इस समस्या से निपटने के लिए क्या प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं। पीठ ने सवाल किया, ‘‘सबसे प्रभावी उपाय क्या हो सकते हैं? हम सब देख रहे हैं कि दिल्ली में क्या हो रहा है? इसका क्या असर होगा?'' अदालत ने मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी को पत्र लिखकर उनसे तत्काल और असाधारण कार्रवाई करने का आग्रह किया, जिसमें वायु गुणवत्ता में सुधार होने तक सभी खुदाई और निर्माण स्थलों पर अस्थायी रोक लगाना भी शामिल है। देवड़ा ने कहा, ‘‘मुंबई का वायु प्रदूषण संकट अब कोई मौसमी मुद्दा नहीं रह गया है- यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है। भारत को वायु प्रदूषण के विरुद्ध एक राष्ट्रव्यापी युद्ध और राष्ट्रीय सहमति की आवश्यकता है।'' शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई का एक्यूआई हर दिन खराब होता जा रहा है और शहर इस मामले में दिल्ली से प्रतिस्पर्धा कर रहा है लेकिन सभी सरकारें लोगों की दुर्दशा को नजरअंदाज कर रही हैं।
वहीं, बीएमसी ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें ‘बेकरी' और श्मशान में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को अनिवार्य करना, इलेक्ट्रिक बसें शुरू करना, निर्माण मलबे का वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन करना और सड़कों पर धूल कम करने के लिए पानी का छिड़काव करने वाली मशीनों का उपयोग शामिल है। बीएमसी ने बताया कि 26 नवंबर तक 53 निर्माण स्थलों को प्रदूषण फैलाने के लिए काम रोकने के नोटिस जारी किए गए हैं। अतिरिक्त महानगरपालिका आयुक्त जोशी ने बृहस्पतिवार को निर्माण स्थलों पर सेंसर-आधारित एक्यूआई निगरानी प्रणाली की स्थिति की समीक्षा भी की।