Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Sep, 2025 12:42 PM

हरदोई में 4 से 7 साल की मासूम बच्चियों को अपना शिकार बनाने वाले सीरियल किलर अविनाश पांडे उर्फ 'सिंपल' को आखिरकार उसके घिनौने अपराधों की सजा मिल गई है। कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है और साथ ही 1.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस सीरियल...
नेशनल डेस्क। हरदोई में 4 से 7 साल की मासूम बच्चियों को अपना शिकार बनाने वाले सीरियल किलर अविनाश पांडे उर्फ 'सिंपल' को आखिरकार उसके घिनौने अपराधों की सजा मिल गई है। कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है और साथ ही 1.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस सीरियल किलर ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी थी जिसके कारण लोग अपनी बच्चियों को घर से बाहर जाने से डरते थे।
कैसे करता था शिकार?
अविनाश पांडे का तरीका बेहद क्रूर और सुनियोजित था। वह भीषण गर्मी में तड़के 3 से 4 बजे के बीच शिकार के लिए निकलता था। वह उन गरीब परिवारों की बच्चियों को निशाना बनाता था जो अपने घर के बाहर सो रही होती थीं। बच्चियों को उठाकर वह अपनी साइकिल पर बिठाता और जंगल में ले जाता। वहां वह उन्हें अश्लील वीडियो दिखाता, उनके साथ मारपीट करता और फिर बलात्कार करता। अक्सर वह टॉफी, खिलौने और कपड़े देकर उन्हें बहलाने की कोशिश करता था।
यह भी पढ़ें: Married Woman's Property: अगर पति-बच्चे न हों तो शादीशुदा महिला की संपत्ति का वारिस कौन? जानें कानूनी नियम
एक महीने के भीतर, उसने चार बच्चियों को अपना शिकार बनाया।
पहली घटना (3 जून): एक बच्ची अपने घर से 3 किमी दूर जंगल में रोती हुई मिली।
दूसरी घटना (25 जून): एक 6 साल की बच्ची गांव से 1 किमी दूर जंगल में मिली।
तीसरी घटना (28 जून): 5 साल की एक बच्ची अगले दिन सुबह जंगल से बरामद हुई।
चौथी घटना (3 जुलाई): एक और 5 साल की बच्ची अपने घर से 2 किमी दूर जंगल में मिली।
यह भी पढ़ें: बेटी को पहली बार आए पीरियड्स, पूरे परिवार ने मनाया जश्न, भावुक कर देगा बाप-बेटी का ये Video
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
पुलिस ने सभी पीड़ित बच्चियों से पूछताछ की और उनके बताए हुलिए के आधार पर आरोपी की तलाश शुरू की। बच्चियों ने पुलिस को बताया कि आरोपी का रंग सांवला है उसने बैंगनी रंग की टी-शर्ट और काली जींस पहनी थी और उसके हाथ पर टैटू भी था।
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मोबाइल डेटा का विश्लेषण किया। इसी दौरान एक मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने अविनाश पांडे को सीताराम पुलिया के पास से पकड़ा। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
विशेष अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) दीप कांत मणि ने बुधवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया जिससे पीड़िता और उनके परिवारों को न्याय मिल सका।