बुलंदशहर हिंसा: स्याना कस्बा में 7 साल पहले ऐसा क्या हुआ था जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया था, जानिए पूरी डिटेल

Edited By Updated: 01 Aug, 2025 06:55 PM

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बुलंदशहर जिले के स्याना कस्बे के महाव गांव में 3 दिसंबर 2018 को गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया था। इस हिंसक घटना में पुलिस चौकी पर हमला किया गया, वाहनों को आग के हवाले किया गया और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सहित एक...

नेशनल डेस्क : बुलंदशहर जिले के स्याना कस्बे के महाव गांव में 3 दिसंबर 2018 को गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया था। इस हिंसक घटना में पुलिस चौकी पर हमला किया गया, वाहनों को आग के हवाले किया गया और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सहित एक युवक की मौत हो गई थी। मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य योगेश राज समेत कुल 44 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें से अब 38 आरोपी जेल में या जमानत पर बाहर हैं। यह मामला बुलंदशहर की कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ था।

क्या हुआ था 7 साल पहले?

बुलंदशहर जिले के स्याना कस्बे के महाव गांव में 3 दिसंबर 2018 को गोकशी की अफवाह फैलने के बाद भारी हिंसा भड़क उठी थी। उस दिन गांव में गोवंश के अवशेष मिलने की खबर से हिंदूवादी संगठनों और ग्रामीणों में गुस्सा भड़क गया। भीड़ ने अवशेषों को ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर पुलिस चौकी की ओर रुख किया और गोकशी के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव करने लगी। इस हिंसा में चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हमला हुआ और पुलिस वाहन आग के हवाले कर दिए गए। हमले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और एक युवक सुमित कुमार की मौत हो गई थी।

पुलिस ने मामले में गोकशी के आरोप में 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की। हिंसा, आगजनी और हत्या की शिकायत चौकी में तैनात सब इंस्पेक्टर सुभाष सिंह ने दी थी। जांच के बाद 27 नामजद आरोपियों के अलावा 60 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि, पुलिस जांच में 44 आरोपी ही साबित हुए और बाकी 16 के खिलाफ सबूत न मिलने पर उनका नाम केस से हटा दिया गया। 44 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

मुकदमे में मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य योगेश राज को भी नामजद किया गया था। मामले की जांच और सुनवाई के दौरान पिछले 6 साल 7 महीनों में 5 आरोपियों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में बची हुई 38 आरोपी जेल में या जमानत पर बाहर हैं, जिनमें से 4 जेल में हैं जबकि 34 जमानत पर रहकर बाहर हैं। इस मामले ने बुलंदशहर में लंबे समय तक कानून व्यवस्था को चुनौती दी थी।


7 साल बाद आया अदालत का फैसला
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के स्याना हिंसा और मर्डर मामले में कोर्ट ने 38 दोषियों को सजा सुनाई है। इन दोषियों में से 5 को आजीवन कारावास (उम्रकैद) और 33 को 7-7 साल की सजा दी गई है। यह फैसला 30 जुलाई 2025 को बुलंदशहर कोर्ट ने सुनाया था। मुकदमे के फैसले के मद्देनजर बुलंदशहर कोर्ट के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। कोर्ट परिसर में 5 थानों की पुलिस तैनात रही और दोषियों की सुरक्षा के लिए 3 सर्कल ऑफिसरों (CO) को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।


एक नाबालिग का मामला जुवेनाइल कोर्ट में विचाराधीन
बुलंदशहर के सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) ऋजुल ने बताया कि पुलिस ने कुल 44 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें से 5 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि एक नाबालिग आरोपी का मामला जुवेनाइल कोर्ट में विचाराधीन है।

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