ट्रांसजेंडर के साथ भेदभाव करने पर मिलेगी दो साल की सजा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी बिल को मंजूरी

Edited By Anil dev,Updated: 11 Jul, 2019 07:16 PM

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केंद्रीय  मंत्रिमंडल ने बुधवार को ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़े एक बिल को मंजूरी दे दी है। यह बिल ट्रांसजेंडरों को सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा के मामले में सशक्त बनाता है। इसके साथ ही उनकी पहचान से जुड़ी परिभाषा और भेदभाव को रोकने का कानूनी अधिकार...

नई दिल्लीः केंद्रीय  मंत्रिमंडल ने बुधवार को ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़े एक बिल को मंजूरी दे दी है। यह बिल ट्रांसजेंडरों को सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा के मामले में सशक्त बनाता है। इसके साथ ही उनकी पहचान से जुड़ी परिभाषा और भेदभाव को रोकने का कानूनी अधिकार भी प्रदान करता है। इससे समाज का हाशिये पर पड़े इस समुदाय को सामाजिक भेदभाव, कलंक और प्रताड़ना से मुक्ति मिलेंगी। साथ ही इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेंगी।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय का मकसद पहले 100 दिनों में हाशिये पर पड़े इस समुदाय के अधिकारों के संरक्षण को प्राथमिकता के साथ पूरा करना है। यह बात मंत्रालय से जुड़े एक सुत्र ने दी है। केंद्र, राज्य और केंद्र शासित राज्यों की सरकारों को ट्रांसजेंड़र समुदाय के प्रति यह बिल और जवाबदेह बनाएगा। हालांकि यह बिल लोकसभा में दिसंबर, 2018 को पास हो गया था। फिलहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इससे जुड़े मसौदे को बिना कुछ बदलाव किए पास कर दिया है।

जानें बिल से ट्रांसजेंडर को क्या होगा लाभ?
बिल के मुताबिक, ट्रांसजेंडर वह व्यक्ति है जिसे जन्म के समय वह लैंगिक पहचान नहीं मिली जो वह मानता है। इसमें ट्रांस-मैन या ट्रांस-महिला शामिल है। इन्हें सामाजिक-सांस्कृतिक तौर पर किन्नर और हिजड़ा के रूप में पहचान मिली हुई है। लेकिन बिल के प्रावधानों के अनुसार, व्यक्ति को यह अधिकार होगा कि वह खुद को पुरुष, महिला और ट्रांसजेंडर के तौर पहचाना जा सकता है। चाहे उसने यह सैक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी और हार्मोनल थेरेपी के माद्यम से हासिल की हो। यह भी आवश्यक है कि ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र लेने के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्ति को जिला न्यायाधीश और जिला स्क्रीनिंग समिति के पास जाना होगा। यह समिति स्वास्थ्य अधिकारी, मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक, जिला कल्याण अधिकारी, सरकारी अधिकारी समेत एक ट्रांसजेंडर से मिलकर बनेगी।PunjabKesari

यह बिल ट्रांसजेंडरों के साथ शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में होने वाले भेदभाव पर भी रोक लगाता है। यह केंद्र और राज्य सरकार को उक्त लिखित क्षेत्रों में ट्रांसजेंडरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने का ऩिर्देश भी देता है। अगर कोई व्यक्ति ट्रांसजेंडर को भीख मांगने के लिए मजबूर करता है, उन्हें सार्वजनिक स्थानों में जाने से रोकता है या उनका यौन शोषण करता है तो उसे 2 सालों की कैद और जुर्माना होगा।

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