इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच सीज फायर, भारत और अमेरिका ने शांति समझौते को लेकर दी प्रतिक्रिया

Edited By Utsav Singh,Updated: 27 Nov, 2024 04:23 PM

cease fire between israel hezbollah india america reacted peace agreement

इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच हुए सीजफायर (युद्ध विराम) के समझौते का भारत और अमेरिका ने स्वागत किया है। यह समझौता अमेरिकी मध्यस्थता से हुआ, जिससे लंबे समय से जारी हिंसा को समाप्त करने की उम्मीद जताई जा रही है। आइए जानते हैं इस समझौते और संबंधित बयान...

नेशनल डेस्क : इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच हुए सीजफायर (युद्ध विराम) के समझौते का भारत और अमेरिका ने स्वागत किया है। यह समझौता अमेरिकी मध्यस्थता से हुआ, जिससे लंबे समय से जारी हिंसा को समाप्त करने की उम्मीद जताई जा रही है। आइए जानते हैं इस समझौते और संबंधित बयान के बारे में विस्तार से।

भारत का बयान: शांति और स्थिरता की उम्मीद
भारत ने इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच हुए सीजफायर समझौते का स्वागत किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “हम हमेशा शांति स्थापित करने और वार्ता के रास्ते पर लौटने के पक्षधर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस युद्धविराम से पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी।” भारत ने इस कदम को सकारात्मक रूप में लिया और इसे क्षेत्रीय शांति की दिशा में एक अहम कदम बताया।

अमेरिका का बयान: अच्छा संकेत, लेकिन शर्तें भी रखी गईं
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस युद्धविराम समझौते का स्वागत किया और इसे “अच्छी खबर” बताया। बाइडेन ने कहा कि इजरायल और हिजबुल्लाह ने अमेरिका के मध्यस्थता से एक शांति समझौते को स्वीकार किया है, जो दोनों पक्षों के बीच शत्रुता की ‘‘स्थायी समाप्ति’’ का उद्देश्य रखता है। बाइडेन ने उम्मीद जताई कि यह समझौता 13 महीने से जारी गाजा युद्ध को समाप्त करने में मदद करेगा।

समझौते की शर्तें
बाइडेन ने चेतावनी दी कि अगर हिज्बुल्लाह समझौते की शर्तों का उल्लंघन करता है, तो इजरायल को फिर से सैन्य कार्रवाई करने का अधिकार मिलेगा। इसके अलावा, इजरायल ने युद्धविराम के बाद अगले 60 दिनों में लेबनान से अपने सैनिकों को धीरे-धीरे वापस बुलाने का फैसला लिया है। यह फैसला इजरायल के सुरक्षा मंत्रिमंडल द्वारा किया गया था।

इजरायल और लेबनान के नेताओं से बात की बाइडेन ने
बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती से इस समझौते को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारों ने अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिससे इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त किया जा सके। बाइडेन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने इस समझौते को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाने में मदद की।

संयुक्त राष्ट्र का स्वागत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस युद्धविराम का स्वागत किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता इजरायल और लेबनान के नागरिकों को हिंसा, विनाश और कष्ट से बचाने में मदद करेगा। संयुक्त राष्ट्र की विशेष समन्वयक जीनिन हेनिस-प्लास्चर्ट ने कहा, “यह समझौता एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया की शुरुआत है, जो दोनों देशों के नागरिकों को सुरक्षा और संरक्षा प्रदान करेगा।”

चक शूमर का बयान: शांति की दिशा में एक बड़ा कदम
सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने इस समझौते को इजरायल और क्षेत्र के लिए एक अच्छा समझौता बताया। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि आतंकवादियों को सैन्य और कूटनीति के माध्यम से हराने के बाद शांति की संभावना बढ़ जाती है।

राष्ट्रपति ट्रंप के प्रतिनिधि का बयान
फ्लोरिडा के प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज ने कहा कि यह सब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा, “ट्रंप की कूटनीति ने यह दिखा दिया कि अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब हम पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिए ठोस कदम उठाते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं।” इस समझौते के बाद, इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच जारी हिंसा में कमी आने की उम्मीद है। हालांकि, शर्तें सख्त हैं और दोनों पक्षों को समझौते की शर्तों का पालन करना होगा। यह कदम क्षेत्रीय शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

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