भारत-ताइवान के तेवर से बौखलाया चीन, दक्षिण-पूर्वी तट पर बढ़ाई आर्मी की तैनाती

Edited By Tanuja,Updated: 18 Oct, 2020 03:44 PM

china forces prepare for possible military invasion of taiwan

ताइवान सरकार अपने आपको एक आजाद देश के तौर पर देखती है जबकि चीन पूरी तरह से ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। ताइवान की राष्ट्रपति ताई ...

 

बीजिंगः ताइवान सरकार अपने आपको एक आजाद देश के तौर पर देखती है जबकि चीन पूरी तरह से ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। ताइवान की राष्ट्रपति ताई इंग-वेन ने राष्ट्रीय दिवस पर अपने संबोधन में लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे सैन्य तनाव को लेकर चीन पर निशाना साधा जिससे चीन बौखलाया हुआ है। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने हाल ही में चीन के नापाक इरादों की पोल खोल दी थी। 

 

चीनी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अगर चीन के साथ सीमा वार्ता पर ताइवान का सवाल उठाता है तो चीन कार्रवाई करेगा।  ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीनी विशेषज्ञ ने ताइवान और भारत के करीबी संपर्क के बाद हिंद महासागर में परिवहन जोखिमों की चेतावनी दी है। साथ ही कहा है कि अगर चीन के साथ सीमा वार्ता पर भारत अगर ताइवान का सवाल उठाता है तो चीन कार्रवाई करेगा। यही नहीं  ताइवान के साथ जारी तनाव को देखते हुए चीन ने दक्षिण-पूर्वी तट में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की उपस्थिति को बढ़ा दिया है।

 

रक्षा पर्यवेक्षकों के अनुसार ताइवान के संभावित सैन्य आक्रमण के लिए चीन पूरी तरह से तैयार है। उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में चीन ने ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास को भी बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार बीजिंग अपने पुराने डीएफ-11s और डीएफ-15s की जगह इस क्षेत्र में अपनी सबसे उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल डीएफ-17 तैनात कर रहा है। डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल से धीरे-धीरे पुराने डीएफ-11s और डीएफ-15s को बदल देगी जो दशकों से दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में तैनात थे। यह नई मिसाइल की एक लंबी रेंज है और लक्ष्य को अधिक सटीक रूप से हिट करने में सक्षम है। भले ही ताइवान को चीन की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा कभी भी नियंत्रित नहीं किया गया है, लेकिन चीन पूरी तरह से ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।

 

दूसरी तरफ ताइवान में एक चुनी हुई सरकार है जो अपने आपको एक आजाद देश के तौर पर देखती है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग यह कहते हुए सैन्य बल के जरिए ताइवान पर शासन करने से इनकार कर चुके हैं कि जबतक की इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती। कनाडा स्थित कनवा डिफेंस रिव्यू के अनुसार, उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि चीन ने फ़ुज़ियान और ग्वांगडोंग में मरीन कॉर्प्स और रॉकेट फोर्स बेस दोनों का विस्तार किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी और दक्षिणी थिएटर कमांड के कुछ मिसाइलों बेस का आकार भी हाल के वर्षों में दोगुना हो गया है, दिख रहा है कि पीएलए ताइवान को निशाना बनाते हुए युद्ध की तैयारी कर रहा है।
 

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