कॉस्टको की भारत में एंट्री: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर से तकनीकी क्षेत्र में रोजगार के अवसर होंगे पैदा

Edited By Updated: 23 Jul, 2025 09:53 PM

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अमेरिकी रिटेल दिग्गज कॉस्टको होलसेल कॉर्पोरेशन भारत में अपना पहला वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) स्थापित करने जा रही है। यह निर्णय भारत के व्यावसायिक परिदृश्य में कंपनी की औपचारिक एंट्री को दर्शाता है।

नेशनल डेस्क : अमेरिकी रिटेल दिग्गज कॉस्टको होलसेल कॉर्पोरेशन भारत में अपना पहला वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) स्थापित करने जा रही है। यह निर्णय भारत के व्यावसायिक परिदृश्य में कंपनी की औपचारिक एंट्री को दर्शाता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह केंद्र तकनीक और अनुसंधान कार्यों पर केंद्रित होगा और कॉस्टको की वैश्विक टीमों के साथ मिलकर काम करेगा।

शुरुआत में 1,000 पेशेवरों की नियुक्ति, भविष्य में विस्तार की योजना
कॉस्टको का यह GCC शुरुआत में 1,000 पेशेवरों को नियुक्त करेगा। कंपनी की दीर्घकालिक योजना में इस केंद्र का और विस्तार शामिल है। विश्लेषकों के मुताबिक, इस कदम से भारत के तकनीकी और सेवा क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और उच्च-कौशल पेशेवरों की मांग बढ़ेगी।

रोजगार और कौशल विकास को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस केंद्र के माध्यम से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में न केवल नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि ये उद्योग में वेतन और करियर विकास के लिए नए मानक भी स्थापित करेंगे। भारत में वर्तमान में 1,600 से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र कार्यरत हैं, जिन्होंने 2019 से 2024 के बीच 6 लाख से अधिक नौकरियां दी हैं। अनुमानों के अनुसार, 2030 तक यह आंकड़ा 2.8 से 4 मिलियन तक पहुँच सकता है। कॉस्टको का यह कदम वैश्विक उपभोक्ता कंपनियों के उस रुझान का हिस्सा है, जिसमें वे भारत के कुशल कार्यबल और नवाचार क्षमता का लाभ उठाना चाहती हैं।

2028 तक भारत में 90 से अधिक खुदरा GCCs की संभावना
विशेष रूप से खुदरा-केंद्रित वैश्विक क्षमता केंद्र (Retail GCCs) तेजी से उभर रहे हैं। अनुमान है कि 2028 तक भारत में 90 से अधिक ऐसे केंद्र होंगे जो ग्राहक अनुभव, आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण, AI-संचालित संचालन और उत्पाद विकास जैसे क्षेत्रों में योगदान देंगे।

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार में इजाफा
1,000 प्रत्यक्ष नौकरियों के अलावा, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, प्रशिक्षण और सुविधा प्रबंधन जैसी सहायक सेवाओं में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही, इससे विशिष्ट कौशल विकास और प्रशिक्षण संस्थानों की मांग भी बढ़ेगी।

उच्च वेतन और वैश्विक अनुभव का लाभ
GCCs में काम करने वाले पेशेवर पारंपरिक आईटी सेवा कंपनियों की तुलना में 20-25% अधिक वेतन पाते हैं। इसकी वजह है उच्च-मूल्य के कार्यों पर ध्यान और अंतरराष्ट्रीय टीमों के साथ सीधे काम करने का अनुभव। कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्य GCC निवेश को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, कर्नाटक सरकार की नीति के तहत 2029 तक 3.5 लाख नई नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है। कॉस्टको की भारत में एंट्री से ऐसे प्रयासों को गति मिलने की संभावना है।

बैंगलोर में हो सकता है कॉस्टको का नया केंद्र
संभावना है कि कॉस्टको अपना केंद्र बैंगलोर में स्थापित करेगा। इससे न सिर्फ शहर की तकनीकी प्रतिष्ठा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह भारत में वैश्विक कंपनियों के बढ़ते विश्वास का भी संकेत है।

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