पापा से कहा- कॉल सेंटर में जॉब करती हूं, हर रात 8-10 ग्राहक को खुश करना होता था.... 16 साल की लड़की की आपबीती

Edited By Updated: 07 Aug, 2025 07:11 AM

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दिल्ली से एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को देह व्यापार के धंधे से आज़ाद कराया गया है। यह मामला न सिर्फ मानव तस्करी के खतरनाक नेटवर्क की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे भोली-भाली लड़कियों...

नेशनल डेस्क: दिल्ली से एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को देह व्यापार के धंधे से आज़ाद कराया गया है। यह मामला न सिर्फ मानव तस्करी के खतरनाक नेटवर्क की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे भोली-भाली लड़कियों को ‘सपनों’ के नाम पर नर्क में धकेला जा रहा है।

एक साल से थी नरक जैसी ज़िंदगी में कैद
इस किशोरी को एक साल पहले उसकी अपनी सहेली ने “अच्छी नौकरी” और “तेज़ पैसे” का लालच देकर एक शातिर गिरोह के हवाले कर दिया। शुरुआत में लड़की को भरोसा दिलाया गया कि वह कॉल सेंटर में काम करेगी। लेकिन हकीकत तब सामने आई जब उसे हर रात कई अजनबियों के पास भेजा जाने लगा। उसकी हालत ऐसी हो गई थी कि उसे रोजाना 8 से 10 लोगों के साथ जबरदस्ती समय बिताना पड़ता था।

दर्द बढ़ा, दवा दी... फिर वही काम दोहराया गया
जब भी लड़की ने दर्द या थकावट की शिकायत की, उसे पेन किलर और अन्य दवाइयां देकर फिर से ग्राहकों के पास भेज दिया जाता था। उसे इस काम के बदले कभी-कभार 500 रुपये मिलते, वो भी तब जब वह बार-बार मांगती। जब उसने इस जीवन से छुटकारा पाने की कोशिश की, तो गिरोह के लोगों ने उसके साथ बनाए गए आपत्तिजनक वीडियो दिखाकर धमकाया कि अगर वह कुछ बोलेगी या भागने की कोशिश करेगी, तो ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए जाएंगे।

पिता को था भरोसा, बेटी कॉल सेंटर में काम कर रही है
लड़की की मां की मौत हो चुकी है और वह अपने शराबी पिता के साथ रहती थी। उसने घर पर यही बताया था कि वह रात की शिफ्ट में कॉल सेंटर में काम करती है। वह रोज शाम 5 बजे घर से निकलती और सुबह 5-6 बजे तक लौट आती। पिता को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उनकी बेटी किस नरक से गुजर रही है।

कैसे हुआ रेस्क्यू?
बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (AVA) को लड़की के इस शोषण की सूचना मिली। इसके बाद संस्था की टीम ने एक ग्राहक के रूप में इस नेटवर्क में घुसपैठ की। महीनों की मेहनत और बातचीत के बाद गिरोह का विश्वास जीता गया। एक तय स्थान पर लड़की को बुलाया गया, जहां तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई। पश्चिमी द्वारका रेंज के डीसीपी अंकित कुमार सिंह की अगुवाई में टीम ने दबिश दी और लड़की को सकुशल बाहर निकाला।

क्या मिला मौके से?
छापेमारी के दौरान वहां से शराब की बोतलें, पेन किलर, यौन संक्रमण से जुड़ी दवाइयां और एंटीबायोटिक गोलियां मिलीं। मौके से एक शख्स इब्राहिम को गिरफ्तार किया गया, जिसने कबूल किया कि वह अकेले इस धंधे में नहीं था बल्कि इसके पीछे पूरा गिरोह काम कर रहा है।

जांच जारी, कई और गिरफ़्तारियां संभावित
फिलहाल पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में है और जांच का दायरा दिल्ली से बाहर भी बढ़ाया जा सकता है। इस मामले से यह बात फिर सामने आई है कि तस्करी करने वाले गिरोह अब बच्चों को उनके ही दोस्तों और जानकारों के जरिए फंसाने की साजिश रचते हैं।

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