Delhi Blast: खेत में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से कैसे दहली दिल्ली? कौन सी कंपनी बनाती है इसे, जानिए

Edited By Updated: 11 Nov, 2025 09:18 PM

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दिल्ली में 10 नवंबर को हुए भीषण धमाके में अमोनियम नाइट्रेट का नाम सामने आया है। यह वही रसायन है जो खाद और औद्योगिक विस्फोटकों में इस्तेमाल होता है। गलत हाथों में जाने पर यह मौत का कारण बन सकता है। भारत में इसके निर्माण और उपयोग पर कड़े नियम लागू...

नेशनल डेस्क: 10 नवंबर का दिन दिल्ली के लिए एक दर्दनाक याद बन गया है। राजधानी के लाल किले के पास हुए भीषण धमाके ने पूरे शहर को दहला दिया। इस धमाके में कई लोगों की जानें चली गईं, जबकि कई ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। जांच के दौरान जो नाम सामने आया है, उसने सबका ध्यान खींचा है — अमोनियम नाइट्रेट। यह वही रसायन है जिसका इस्तेमाल खेती से लेकर खदानों तक किया जाता है, लेकिन गलत हाथों में पड़ने पर यही ज़िंदगी छीनने वाला विस्फोटक बन जाता है।

अमोनियम नाइट्रेट: एक रसायन, दो चेहरे
अमोनियम नाइट्रेट एक ऐसा रसायन है जो दो बिलकुल अलग भूमिकाएं निभाता है — ज़िंदगी देने वाली और ज़िंदगी छीनने वाली। इसका पहला उपयोग कृषि क्षेत्र में होता है, जहां यह एक नाइट्रोजन-युक्त खाद (फर्टिलाइज़र) के रूप में फसलों की बढ़त में मदद करता है। वहीं, इसका दूसरा रूप बेहद विस्फोटक है। औद्योगिक कार्यों जैसे खनन (माइनिंग), सुरंग निर्माण और बड़े प्रोजेक्ट्स में चट्टानें तोड़ने के लिए विस्फोटकों की ज़रूरत होती है। अमोनियम नाइट्रेट इस तरह के व्यावसायिक विस्फोटकों का मुख्य घटक है। जब इसे फ्यूल ऑयल (जैसे डीज़ल) के साथ मिलाया जाता है, तो यह ANFO (Ammonium Nitrate Fuel Oil) नामक शक्तिशाली विस्फोटक मिश्रण बनाता है।

क्यों खतरनाक है अमोनियम नाइट्रेट?
अमोनियम नाइट्रेट खुद नहीं जलता, लेकिन यह एक ऑक्सीकारक (Oxidizer) है — यानी यह किसी भी आग को कई गुना तेज़ कर सकता है। अगर यह किसी ज्वलनशील पदार्थ के संपर्क में आए और उसे थोड़ी सी भी गर्मी या चिंगारी मिले, तो यह भयानक विस्फोट कर सकता है।
इसी वजह से आतंकवादी संगठन इसका दुरुपयोग IED (Improvised Explosive Device) यानी देसी बम बनाने में करते रहे हैं। इस खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने इसके उत्पादन, बिक्री और परिवहन पर कड़े नियम लागू किए हैं।

भारत में अमोनियम नाइट्रेट से जुड़े कड़े कानून

अमोनियम नाइट्रेट नियम, 2012: इसके तहत इस रसायन को बनाने, रखने, बेचने, ले जाने या उपयोग करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य है।

PESO की निगरानी: पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) इस लाइसेंस को जारी करता है। बिना PESO की मंजूरी के इसका एक दाना भी रखना गैरकानूनी है।

भंडारण नियम: इसे साधारण गोदाम में नहीं रखा जा सकता। इसे फायरप्रूफ जगह पर रखना ज़रूरी है, जहां आग बुझाने के पर्याप्त इंतज़ाम हों।

सख्त सजा: बिना लाइसेंस इस्तेमाल करने वालों को विस्फोटक अधिनियम, 1884 के तहत तीन साल तक की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है।

भारत में अमोनियम नाइट्रेट बनाने वाली कंपनियां
दिल्ली धमाके के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि भारत में यह रसायन बनाता कौन है। यह जानकर चौंकाने वाली बात है कि भारत में अमोनियम नाइट्रेट का कारोबार 12,500 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का है। अनुमान है कि 2032 तक यह बाज़ार 2,200 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
भारत में इसकी सालाना उत्पादन क्षमता लगभग 10.96 लाख टन है।

प्रमुख कंपनियां:

उर्वरक क्षेत्र: IFFCO, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL), कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड, चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड।

औद्योगिक क्षेत्र: दीपक फर्टिलाइजर्स एंड पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DFPCL) और स्मार्टचेम टेक्नोलॉजीज लिमिटेड।

कीमतें भी इसके ग्रेड के अनुसार अलग-अलग होती हैं —

फर्टिलाइज़र ग्रेड: ₹20 से ₹100 प्रति किलो।

इंडस्ट्रियल ग्रेड: ₹100 से ₹160 प्रति किलो।

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