Edited By Parveen Kumar,Updated: 27 Jun, 2025 12:28 AM

दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली के 11 अधूरे अस्पतालों का काम पूरा किया जाएगा। ये काम PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर किया जाएगा। इसका मतलब है कि सरकार और निजी कंपनियां मिलकर इन अस्पतालों को बनाएंगी और चलाएंगी।
नेशनल डेस्क: दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली के 11 अधूरे अस्पतालों का काम पूरा किया जाएगा। ये काम PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर किया जाएगा। इसका मतलब है कि सरकार और निजी कंपनियां मिलकर इन अस्पतालों को बनाएंगी और चलाएंगी।
इन अस्पतालों को पूरा करने और शुरू करने में लगभग 9 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही इन अस्पतालों को चलाने के लिए 42 हजार नए कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसमें डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन और दूसरे स्टाफ शामिल होंगे।
इनमें से 4 जगह मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनेंगे
ज्वालापुरी, मादीपुर, हस्तसाल और सिरासपुर में।
बाकी 7 जगह ICU बेड वाले छोटे अस्पताल बनेंगे
शालीमार बाग, किराड़ी, सुल्तानपुरी, गीता कॉलोनी, दिलशाद गार्डन, सरिता विहार और रघुबीर नगर में।
इन अस्पतालों का निर्माण पहले साल 2020-21 में शुरू हुआ था, लेकिन पैसों की कमी की वजह से बीच में रुक गया। अब इनकी लागत भी पहले से बढ़ गई है – पहले 2,663 करोड़ रुपये थी, जो अब करीब 3,947 करोड़ रुपये हो गई है।
सरकार अब जल्द ही एक ट्रांजेक्शन एडवाइजर नियुक्त करेगी जो बताएगा कि ये काम तकनीकी, वित्तीय और कानूनी तौर पर कैसे होगा। अंतिम मंजूरी कैबिनेट की बैठक में दी जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में एक नई टीम भी बनाई जाएगी जो पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी करेगी।