'कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद ढाबों और दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाना बेहद जरूरी', यूपी के बाद अब उत्तराखंड में भी सख्ती

Edited By Updated: 02 Jul, 2025 03:20 PM

dhami government  put name plates outside shops on the kanwar yatra route

यूपी के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद ढाबों और खाने-पीने की दुकानों को लेकर सख्ती दिखाते हुए नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी ढाबा और दुकान मालिकों को अपने प्रतिष्ठान के बाहर नेम...

नेशनल डेस्क : यूपी के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद ढाबों और खाने-पीने की दुकानों को लेकर सख्ती दिखाते हुए नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी ढाबा और दुकान मालिकों को अपने प्रतिष्ठान के बाहर नेम प्लेट लगानी होगी, जिसमें उनका पूरा नाम, फोटो पहचान पत्र और पंजीकरण प्रमाण पत्र (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) शामिल होगा।

उल्लंघन पर लगेगा भारी जुर्माना

अगर किसी दुकान या ढाबे ने इस आदेश का पालन नहीं किया, तो उस पर 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सरकार का कहना है कि यह कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

साक्षी महाराज की मांग के बाद आया आदेश

यह आदेश ऐसे समय में जारी हुआ है जब हाल ही में भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल और ढाबों के बाहर मालिकों का नाम और पहचान स्पष्ट रूप से बोर्ड पर लिखने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि, 'कांवड़ यात्रा मार्गों पर फर्जी नामों से दुकान चलाने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था से कोई खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि मालिक की पहचान स्पष्ट होनी चाहिए ताकि कोई भ्रम या खतरा न हो।

उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही दे चुकी है आदेश

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में भी ऐसे ही निर्देश जारी किए थे। उन्होंने कहा था कि, 'कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की बिक्री नहीं होनी चाहिए। हर दुकान पर मालिक का नाम साफ़-साफ़ लिखा होना चाहिए। यात्रा मार्गों पर स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।' योगी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया था कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।

कांवड़ यात्रा क्यों है अहम?

कांवड़ यात्रा हर साल सावन माह में लाखों शिव भक्तों द्वारा की जाती है। वे नदियों से जल भरकर उसे अपने नजदीकी शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं। यात्रा मार्ग पर आने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए सरकारें सुरक्षा, व्यवस्था और धार्मिक भावनाओं का विशेष ध्यान रखती हैं।


 

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