Edited By Parveen Kumar,Updated: 28 Dec, 2025 09:09 PM
अगले हफ्ते सोने और चांदी की कीमतों में किसी बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना कम जताई जा रही है। बाजार की नजरें अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दिसंबर FOMC बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि इसके मिनट्स से आगे की मौद्रिक नीति को लेकर अहम संकेत मिल सकते हैं।
नेशनल डेस्क: अगले हफ्ते सोने और चांदी की कीमतों में किसी बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना कम जताई जा रही है। बाजार की नजरें अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दिसंबर FOMC बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि इसके मिनट्स से आगे की मौद्रिक नीति को लेकर अहम संकेत मिल सकते हैं। जानकारों का कहना है कि ट्रेडिंग वॉल्यूम हल्का रह सकता है, क्योंकि इस दौरान केवल कुछ ही प्रमुख आर्थिक आंकड़े सामने आने वाले हैं। इनमें नवंबर के पेंडिंग होम सेल्स और 30 दिसंबर को जारी होने वाले FOMC मिनट्स शामिल हैं, जो कीमती धातुओं की दिशा तय कर सकते हैं।
रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा सोना
पिछले हफ्ते MCX पर सोने के फ्यूचर्स में जोरदार तेजी देखने को मिली। कीमत 5,677 रुपये यानी 4.23 प्रतिशत बढ़कर शुक्रवार को 1,40,465 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने ने मजबूती दिखाई। कॉमेक्स पर सोना 165.4 डॉलर या 3.77 प्रतिशत चढ़कर 4,584 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई पर बंद हुआ। छुट्टियों के कारण हफ्ता छोटा जरूर रहा, लेकिन प्रदर्शन मजबूत बना रहा।
2026 में भी बनी रहेगी सोने की चमक
विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में भी सोना और चांदी ऊपर की ओर रुझान बनाए रखेंगे। वैश्विक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, सेफ हेवन के तौर पर बढ़ती मांग और इंडस्ट्रियल जरूरतें इसकी मुख्य वजह होंगी। हालांकि, 2025 जैसी तेज रफ्तार रैली की उम्मीद कम जताई जा रही है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
JM फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर के मुताबिक, 2025 की जबरदस्त तेजी के बाद 2026 में सोने की चाल कुछ धीमी हो सकती है। इसके बावजूद मौजूदा हालात सोने को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 5,000 से 5,200 डॉलर प्रति औंस और MCX पर 1,50,000 से 1,55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मौद्रिक नीति में ढील, डॉलर से दूरी और वैश्विक व्यापार तनाव जैसे कारक आगे भी सोने को सपोर्ट देंगे। केंद्रीय बैंकों की खरीदारी जारी है, हालांकि इसकी रफ्तार पहले के मुकाबले थोड़ी धीमी हो सकती है।
एंजेल वन के DVP रिसर्च प्रमुख प्रथमेश मल्ल्या का कहना है कि 2025 में अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती और आगे भी संभावित कटौतियों ने सोने-चांदी को आकर्षक बनाया। सेफ हेवन की मांग इसलिए भी बढ़ी, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से अनिश्चितता बढ़ी और रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहा। उनका मानना है कि 2026 की पहली छमाही में MCX पर सोना 1,60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
चांदी की रफ्तार होगी और तेज
पिछले हफ्ते चांदी ने भी शानदार प्रदर्शन किया। MCX पर चांदी 31,348 रुपये यानी 15.04 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुई। शुक्रवार को इसमें 18,210 रुपये की और बढ़त देखने को मिली और यह 2,42,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। कॉमेक्स पर चांदी 9.71 डॉलर या 14.4 प्रतिशत चढ़कर 79.70 डॉलर प्रति औंस के हाई पर बंद हुई।
JM फाइनेंशियल के प्रणव मेर के अनुसार, चांदी को नए सेक्टरों से मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड मिल रही है। यह सोने के मुकाबले सस्ती है और अप्रैल 2025 में ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद इंडस्ट्रियल मेटल्स में आई तेजी से भी इसे फायदा मिला है।
एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि 2026 में MCX पर चांदी 2,75,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 80 से 85 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच सकती है। इसकी एक बड़ी वजह वैश्विक सप्लाई में संभावित कमी है। चीन, जो चांदी का सबसे बड़ा उपभोक्ता और सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रमुख निर्माता है, ने 1 जनवरी 2026 से चांदी के निर्यात पर पाबंदियां लगाने का फैसला किया है। इसके तहत कंपनियों को लाइसेंस लेना होगा, जो 2027 तक जारी रह सकता है, और इससे वैश्विक सप्लाई चेन पर असर पड़ने की आशंका है।