Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Nov, 2025 11:17 AM

बॉलीवुड के हीरो धर्मेंद्र की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर उनके प्रशंसकों में चिंता बनी हुई है। हाल ही में उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी दी गई है और फिलहाल उनका इलाज घर पर चल रहा है। इस बीच उनकी संपत्ति और उत्तराधिकार को लेकर चर्चा फिर...
नेशनल डेस्क: बॉलीवुड के हीरो धर्मेंद्र की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर उनके प्रशंसकों में चिंता बनी हुई है। हाल ही में उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी दी गई है और फिलहाल उनका इलाज घर पर चल रहा है। इस बीच उनकी संपत्ति और उत्तराधिकार को लेकर चर्चा फिर शुरू हो गई है, क्योंकि धर्मेंद्र की दो शादियों और छह बच्चों के बीच कानूनी अधिकारों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
धर्मेंद्र ने सबसे पहले प्रकाश कौर से शादी की थी। इसके बाद उन्होंने मुस्लिम धर्म अपनाकर हेमा मालिनी से निकाह किया। लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम (HMA) के तहत यह दूसरी शादी अमान्य मानी जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या धर्मेंद्र की दूसरी शादी से हुई बेटियों ईशा देव और आहना देव को उनकी संपत्ति में हिस्सेदारी मिलेगी।
इस मामले में एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले रेवनसिद्दप्पा बनाम मल्लिकार्जुन (2023 INSC 783) का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में स्पष्ट किया कि अमान्य शादी से पैदा हुए बच्चों को उनके माता-पिता की संपत्ति पर वारिसी अधिकार मिल सकते हैं। धर्मेंद्र की बेटियों का मामला भी इसी तरह है।
अमान्य शादी से पैदा हुए बच्चों का अधिकार
HMA की धारा 16(1) के तहत धर्मेंद्र की दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चे वैध बच्चों के समान दर्जा पाते हैं। इसका उद्देश्य बच्चों को “नाजायज” होने के कलंक से बचाना है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यह दर्जा उन्हें माता-पिता की सहदायिक संपत्ति में स्वतः हिस्सेदार नहीं बनाता। उनका अधिकार केवल उनके माता-पिता की संपत्ति तक सीमित है।
पैतृक संपत्ति में हक
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि कैसे अमान्य शादी से पैदा हुए बच्चे अपने माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार हो सकते हैं। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (HSA) की धारा 6(3) के तहत सहदायिक संपत्ति का काल्पनिक बंटवारा मृत्यु से पहले मान लिया जाता है। इस काल्पनिक बंटवारे में धर्मेंद्र को जो हिस्सा मिलता है, उसे उनकी संपत्ति माना जाता है।
इस हिस्से का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 8 और 10 के तहत उनके सभी क्लास-1 वारिसों में होता है। ईशा और आहना जैसे धारा 16(1) के तहत वैधता प्राप्त बच्चों को भी इस बंटवारे में बराबर का हक मिल जाता है। इसका मतलब यह है कि धर्मेंद्र की संपत्ति उनके पहले पत्नी प्रकाश कौर और उनसे पैदा हुए बच्चे सनी, बॉबी, विजेता और अजीता के साथ-साथ हेमा मालिनी से हुई बेटियों में भी बराबर बांटी जाएगी।