Edited By Mehak,Updated: 08 Oct, 2025 03:00 PM

टाटा समूह में आंतरिक मतभेदों का मामला सरकार तक पहुँच गया है। गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में टाटा ट्रस्ट और टाटा संस के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैठक हुई। इसमें समूह में स्थिरता बहाल करने और मतभेदों का असर कंपनियों पर...
नेशनल डेस्क : देश के सबसे बड़े कारोबारी घरानों में से एक टाटा समूह में हाल ही में आंतरिक मतभेदों की खबरें सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष नेतृत्व में चल रहे मतभेदों का असर ग्रुप की कंपनियों पर पड़ने की संभावना को देखते हुए सरकार भी चिंतित है।
अमित शाह के साथ चली 1 घंटे की लंबी बैठक
रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर इस मुद्दे को लेकर एक बैठक हुई, जो करीब एक घंटे तक चली। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा, वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और ट्रस्टी डेरियस खंबाटा शामिल थे। बैठक में सभी को निर्देश दिया गया कि टाटा ट्रस्ट में स्थिरता बहाल की जाए और आंतरिक मतभेद समूह की कंपनियों पर असर न डालें।
सरकार ने क्या कहा
सरकार ने टाटा समूह के शीर्ष प्रबंधन से कहा कि किसी भी तरह से ट्रस्टियों के मतभेदों को सुलझाया जाए। इसमें निर्णायक कदम उठाने का सुझाव भी दिया गया ताकि समूह के कामकाज पर असर न पड़े। इसके साथ ही किसी भी ट्रस्टी को हटाने पर विचार किया गया, यदि वे समूह की स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हों।
टाटा ग्रुप की स्थिति
बैठक के बाद टाटा ग्रुप के चारों प्रतिनिधियों ने मुंबई लौटने से पहले आंतरिक चर्चा की। उम्मीद जताई जा रही है कि वे सभी पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की पुण्यतिथि पर आयोजित दो दिवसीय स्मरण समारोह में शामिल होंगे। रतन टाटा का 9 अक्टूबर, 2024 को निधन हुआ था।
टाटा का परिचय
टाटा ग्रुप की शुरुआत 1868 में हुई थी। आज यह समूह देश में कई क्षेत्रों में अग्रणी है।
- आईटी सेक्टर: TCS
- मेटल: टाटा स्टील
- ऑटोमोबाइल: टाटा मोटर्स, जैगुआर, लैंड रोवर
- हॉस्पिटैलिटी: इंडियन होटल ग्रुप
- एविएशन: एअर इंडिया
टाटा समूह आज भी देश के हर प्रमुख सेक्टर में अपनी पकड़ बनाए हुए है, लेकिन आंतरिक मतभेद और नेतृत्व में स्थिरता बनाए रखना सरकार के लिए महत्वपूर्ण बन गया है।