Diwali 2025: 20 या 21 अक्टूबर, कब है दिवाली? जानें कब है पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Edited By Updated: 24 Sep, 2025 09:06 PM

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हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह का विशेष महत्व है। इसी माह की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन प्रभु श्रीराम माता सीता...

नेशनल डेस्क: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह का विशेष महत्व है। इसी माह की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन प्रभु श्रीराम माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों के कठिन वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में नगरवासियों ने दीप जलाकर इस त्योहार की शुरुआत की थी। तभी से दिवाली पूरे भारत और विश्व के भारतीय समुदायों में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।

दिवाली 2025 की तिथि

द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर 2025 को सुबह 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। इसी दिन, यानी 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को दिवाली का पर्व मनाया जाएगा।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली पूजा का सबसे शुभ समय शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक होगा। इस समय को प्रदोष काल और स्थिर लग्न माना जाता है, जो मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। इस दौरान करीब 1 घंटा 10 मिनट पूजा करने का उपयुक्त समय मिलेगा।

दिवाली पूजा विधि

  • सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें।
  • पूर्व दिशा या ईशान कोण में लकड़ी की चौकी रखें।
  • चौकी पर लाल या गुलाबी रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • एकमुखी घी का दीपक जलाएं और जल छिड़ककर शुद्धिकरण करें।
  • सबसे पहले भगवान गणेश को पुष्प और मिठाई अर्पित करें।
  • फिर मां लक्ष्मी की पूजा करें।
  • देवताओं के मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
  • शंखनाद करें।
  • दिवाली की रात घर के हर कोने, मुख्य द्वार, छत और आंगन में दीपक जलाएं।
  • इस दिन लाल, पीले या चमकीले रंग के वस्त्र पहनें और काले या गहरे रंग से बचें।

विशेष उपाय

दिवाली पर धन-समृद्धि और सौभाग्य के लिए पूजा के समय मां लक्ष्मी को एकाक्षी नारियल अर्पित करें। साथ ही इस मंत्र का जाप करें:

  • "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं महालक्ष्म्यै मम गृहे धनं पूरय पूरय, चिंतां दूरय दूरय स्वाहा॥"
  • माना जाता है कि इस मंत्र का सच्चे मन से जाप करने पर मां लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

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