Edited By Mehak,Updated: 19 Oct, 2025 06:06 PM

दिवाली भारत का सबसे बड़ा और उल्लासपूर्ण त्योहार है, लेकिन इसके बाद वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन जाता है। पटाखों और आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं और जहरीले केमिकल हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ देते हैं। बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग सबसे ज्यादा...
नेशनल डेस्क : दिवाली भारत का सबसे प्रमुख और उल्लासपूर्ण त्योहार है। इस दिन घरों में रंग-बिरंगे दीये जलाए जाते हैं, मिठाइयां और उपहार बांटे जाते हैं, और लोग अपने परिवार के साथ खुशियों का आनंद लेते हैं। लेकिन त्योहार के बाद हर साल हवा की गुणवत्ता तेजी से गिरती है। पटाखों और आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं और रासायनिक तत्व अगले दिन सांस लेना भी मुश्किल कर देते हैं। यह समस्या खासकर बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोगों के लिए गंभीर होती है।
दीवाली के बाद हवा खराब क्यों होती है?
दीवाली के बाद सांस लेने में कठिनाई के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण पटाखे हैं। पटाखों से हवा में PM2.5 और PM10 जैसे जहरीले कण फैलते हैं, जो फेफड़ों तक पहुंचकर सांस लेने में परेशानी पैदा करते हैं। इसके अलावा बाजारों में भारी भीड़ और वाहनों से निकलने वाला धुआं, घर की सफाई के दौरान कचरा जलाना और बिजली की अधिक खपत वायु प्रदूषण को बढ़ा देते हैं। इन सभी कारणों से दिवाली के बाद हवा बेहद प्रदूषित हो जाती है।
दीवाली के बाद कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है?
1. अस्थमा और सांस की बीमारियां – हवा में जहरीले कण फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे अस्थमा के मरीजों को दौरे पड़ सकते हैं।
2. खांसी और गले में जलन – प्रदूषित हवा नाक और गले को प्रभावित करती है, जिससे लगातार खांसी, गले में खराश और जलन हो सकती है।
3. सीओपीडी (COPD) – पहले से इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए दिवाली का धुआं खतरनाक हो सकता है।
4. कोविड-19 से ठीक हुए मरीज – जिनके फेफड़ों में पहले से नुकसान हुआ है, उनके लिए प्रदूषण गंभीर असर डाल सकता है।
5. बच्चे और बुजुर्ग – बच्चों के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, इसलिए दोनों वर्ग ज्यादा प्रभावित होते हैं।
6. दिल से जुड़ी समस्याएं – खराब हवा से सांस की बीमारियों और फेफड़ों के साथ-साथ दिल की समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
दीवाली के बाद प्रदूषण से बचने के आसान उपाय
1. मास्क पहनें – बाहर निकलने से पहले N95 या अच्छे क्वालिटी वाले मास्क पहनें। कपड़े के मास्क जहरीले कणों को रोकने में प्रभावी नहीं होते।
2. अंदर रहें – जब AQI 150 या उससे अधिक हो या पटाखों की आवाजाही ज्यादा हो, घर के अंदर ही रहें।
3. घर को सुरक्षित रखें – दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें और HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें।
4. संतुलित आहार लें – विटामिन C, हल्दी, आंवला, टमाटर और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार फेफड़ों को मजबूत बनाता है।
इस तरह सावधानी बरतने से दिवाली के बाद वायु प्रदूषण के खतरों से बचा जा सकता है और सांस लेने में आसानी बनी रहती है।