मुस्लिम समुदाय में डर पैदा मत करिए, यह लंबे समय तक नहीं चलेगा: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

Edited By Updated: 01 Aug, 2024 08:18 PM

do not create fear muslim community this will not last long dharmendra pradhan

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को विपक्ष के कुछ सांसदों के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय में डर पैदा नहीं किया जाना चाहिए और ऐसा लंबे समय तक चलने वाला नहीं है।

नेशनल डेस्क: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को विपक्ष के कुछ सांसदों के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय में डर पैदा नहीं किया जाना चाहिए और ऐसा लंबे समय तक चलने वाला नहीं है। उन्होंने लोकसभा में शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यम विद्यालयों में मुस्लिम समुदायों के बच्चों का प्रवेश राष्ट्रीय औसत के करीब है।

प्रधान ने एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सदन में दिए गए वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ मुस्लिम समाज में डर में पैदा मत करो...आपका एक दृष्टिकोण है, आपका चश्मा डराने का है, यह लंबे समय तक चलने वाला नहीं है।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय के कारण अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पहली बार महिला कुलपति की नियुक्ति हुई है।
उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में यह भी कहा, ‘‘ओवैसी जी के साथ रहने से थोड़ा अच्छा लगता है।'' प्रधान ने समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के सदन में दिए गए भाषण की और उनके उठाये गये मुद्दों की तारीफ की। 

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सामाजिक न्याय को लेकर प्रतिबद्ध है और शिक्षण संस्थानों में आरक्षित श्रेणी के लिए रिक्त सभी पदों को भरा जाएगा। उन्होंने वर्ष 2024-25 के लिए शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि सरकार की नजर में भारत की हर भाषा राष्ट्रीय भाषा है। उनके जवाब के बाद अनुदानों की मांगों को सदन ने सभी कटौती प्रस्तावों को अस्वीकृत करते हुए ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान की।  

प्रधान ने कहा, ‘‘34 साल के बाद नई शिक्षा नीति सामने आई। इसमें कई सारी खूबियां हैं। यह भारत के नवनिर्माण, नागरिकों का भाईचारा बढ़ाने और सभी समस्याओं के समाधान के लिए दार्शनिक तत्व है।'' उन्होंने कहा, ‘‘नई शिक्षा नीति केवल नीतिगत दस्तावेज नहीं है, बल्कि विश्व की सारी समस्याओं में भारतीय नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘युवाओं की जनसंख्या इन दिनों सबसे ज्यादा है जब देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन हो रहा है।''

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