महाराष्ट्र: पत्रकार की हत्या के पीछे राजनीतिक साजिश के आरोप

Edited By Updated: 09 Feb, 2023 03:41 PM

dw news hindi

महाराष्ट्र: पत्रकार की हत्या के पीछे राजनीतिक साजिश के आरोप

महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक रिफाइनरी प्रोजेक्ट की आलोचना करने वाले पत्रकार की मौत के पीछे साजिश के आरोप लग रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि पुलिस ने जिस संदिग्ध को गिरफ्तार किया है वो बीजेपी का सदस्य है.48 साल के शशिकांत वारिशे की मंगलवार सात फरवरी को रत्नागिरी में एक गाड़ी से टक्कर के बाद मौत हो गई. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक स्कूटर चला रहे वारिशे को उस गाड़ी ने पीछे से टक्कर मारी और फिर उन्हें रौंद दिया. पुलिस ने उस समय गाड़ी चला रहे पंधारिनाथ आंबेरकर नाम के व्यक्ति को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. वारिशे ने इस घटना के एक ही दिन पहले एक स्थानीय अखबार में एक रिफाइनरी प्रोजेक्ट के खिलाफ इलाके में हो रहे विरोध के बारे में एक लेख लिखा था और लेख में आंबेरकर का नाम भी लिया था. क्या है रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजना दरअसल 'रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल' प्रोजेक्ट एक पुरानी परियोजना है जिसे रत्नागिरी जिले के ननर गांव में शुरू किया जाना था. स्थानीय लोग शुरू से इस परियोजना के खिलाफ थे क्योंकि उन्हें आशंका थी कि उससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा और लोगों की आजीविका भी छिन जाएगी. 2019 में लोक सभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी की राज्य सरकार ने लोगों के विरोध को स्वीकार करते हुए परियोजना को रद्द कर दिया था. लेकिन बीते एक साल से केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना को रत्नागिरी के ही किसी दूसरे हिस्से में फिर से शुरू करने की कोशिशों की चर्चा चल रही थी. वारिशे ने इस मुद्दे पर स्थानीय अखबार 'महानगरी टाइम्स' में कई लेख लिखे थे जिसमें उन्होंने इसकी वजह से स्थानीय लोगों को होने वाली समस्याओं पर रोशनी डाली थी. आंबेरकर इस परियोजना के समर्थक थे. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में उन्हें एक रियल एस्टेट व्यापारी बताया गया है और यह भी कहा गया है कि उन पर जबरन जमीन हड़पने और इस परियोजना का विरोध करने वाले एक्टिविस्टों को धमकाने के आरोप लगे थे. प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर सोमवार को छपे ताजा लेख में वारिशे ने लिखा था कि रत्नागिरी में ऐसे बैनर लगाए गए हैं जिनमें आंबेरकर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ तस्वीरें हैं. वारिशे के लेख में आंबेरकर के आपराधिक रिकॉर्ड, कई अवैध भूमि सौदों और रिफाइनरी को बनाए जाने के प्रबल समर्थन के बारे में जानकारी दी गई थी. वारिशे के गाड़ी के नीचे आ जाने के बाद आंबेरकर वहां से फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बाद में ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया. मुंबई प्रेस क्लब ने इसे एक "क्रूर, सार्वजनिक हत्या" का मामला कहा है और वारिशे के हत्यारों के खिलाफ तुरंत और गंभीर कार्यवाही की मांग की है. क्लब ने यह भी कहा है कि वारिशे की हत्या की साजिश में और लोगों के भी शामिल होने की संभावना है और पुलिस को उनके खिलाफ की कार्यवाही करनी चाहिए. भारत में आए दिन पत्रकारोंपर हमले होते रहते हैं. कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने भारत में पत्रकारों द्वारा सामना किए जाने वाले जोखिमों के बारे में आगाह किया है. 2008 में अंतरराष्ट्रीय संस्था कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने पत्रकारों के हत्यारों को सजा दिलवाने में नाकामी को लेकर 'ग्लोबल इम्प्यूनिटी इंडेक्स" की शुरुआत की थी और तब से इस सूचकांक में भारत का नाम हर साल आता है. संस्था की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस समय भारत में कम से कम 20 पत्रकारों की हत्या के मामले अनसुलझे हैं.

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे DW फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!