ई-टिकटिंग ने बदल दी रेलवे की तस्वीर! अब 100 में से 89 लोग लेते हैं ऑनलाइन टिकट

Edited By Updated: 19 Nov, 2025 10:50 PM

e ticketing has transformed the railway landscape now 89 out of 100 people boo

डिजिटल इंडिया अभियान का असर भारतीय रेलवे की टिकटिंग व्यवस्था में साफ दिखाई दे रहा है। पहले लोगों को टिकट लेने के लिए स्टेशन पर लंबी लाइनें लगानी पड़ती थीं, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। आज ज्यादातर लोग अपने मोबाइल, लैपटॉप या ऐप की मदद से घर...

नेशनल डेस्कः  डिजिटल इंडिया अभियान का असर भारतीय रेलवे की टिकटिंग व्यवस्था में साफ दिखाई दे रहा है। पहले लोगों को टिकट लेने के लिए स्टेशन पर लंबी लाइनें लगानी पड़ती थीं, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। आज ज्यादातर लोग अपने मोबाइल, लैपटॉप या ऐप की मदद से घर बैठे ही टिकट बुक कर लेते हैं।

केवल 11% लोग ही काउंटर से ले रहे टिकट

आईआरसीटीसी के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, हर 100 में से सिर्फ 11 लोग ही रेलवे काउंटर से टिकट ले रहे हैं। बाकी 89 लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। यह बदलाव पिछले कुछ वर्षों में तेजी से हुआ है।

घर बैठे कुछ सेकंड में टिकट

भारतीय रेलवे ने पिछले 10 सालों में टिकटिंग सिस्टम को बेहद आसान और तेज बना दिया है। अब मोबाइल पर कुछ सेकंड में टिकट बुक हो जाता है। न लाइन में खड़े रहने की जरूरत, न घंटों इंतजार और न कैश रखने की चिंता। इस डिजिटल बदलाव ने यात्रियों का समय भी बचाया है और स्टेशनों पर भीड़ भी कम की है।

आंकड़े बताते हैं—हर साल तेजी से बढ़ी ऑनलाइन टिकटिंग

2014 से 2025 तक ऑनलाइन टिकटों का प्रतिशत लगातार बढ़ता रहा:

  • 2014–15: 54%

  • 2015–16: 57%

  • 2016–17: 60%

  • 2018–19: 70%

  • 2020–21: 80%

  • 2023–24: 83%

  • 2024–25: 86%

  • 2025–26: 89%

यानी 10 में से 9 यात्री अब ऑनलाइन ही टिकट खरीद रहे हैं।

कब नहीं मिलती ऑनलाइन टिकट?

आईआरसीटीसी पर टिकट बुकिंग रोजाना सिर्फ 11:30 रात से 12:30 रात तक बंद रहती है। यह सर्वर मेंटेनेंस का समय होता है। इसके अलावा 24 घंटे कभी भी टिकट बुक की जा सकती है।

रेलवे ने टेक्नोलॉजी में लगातार सुधार किया

रेलवे ने ई-टिकटिंग को सुचारू और भरोसेमंद बनाने के लिए कई बदलाव किए:

  • तेज और स्थिर वेबसाइट

  • आसान और उपयोगी मोबाइल ऐप

  • मजबूत सर्वर क्षमता

  • हर तरह के डिजिटल पेमेंट विकल्प

  • UPI, नेट बैंकिंग, वॉलेट, कार्ड — सब उपलब्ध

इन सुधारों की वजह से गांवों, कस्बों और शहरों में लोग बिना किसी परेशानी के टिकट खरीद पा रहे हैं।

डिजिटल इंडिया का मजबूत उदाहरण

ई-टिकटिंग ने भारतीय रेल को सिर्फ आधुनिक नहीं बनाया, बल्कि यह डिजिटल इंडिया की सफलता का भी बड़ा हिस्सा बन गई है। अब यात्रा करना पहले से ज्यादा तेज, आसान, कम झंझट वाला और सुविधाजनक हो गया है। यानी भारतीय रेल अब सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि देश की डिजिटल प्रगति का प्रतीक बन चुकी है।

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