Edited By Parveen Kumar,Updated: 01 Aug, 2025 07:33 PM

रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया है।
नेशनल डेस्क: रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह खुलासा उसी दिन हुआ जब ईडी ने अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया था। उन्हें मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने को कहा गया है।
लुकआउट सर्कुलर का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है, जहां कोई आरोपी देश छोड़कर भागने की कोशिश कर सकता है। इसे हवाई अड्डे, बंदरगाह और सभी सीमा बिंदुओं पर जारी किया जाता है। अधिकारियों को निर्देश दिए जाते हैं कि यदि कोई व्यक्ति देश से बाहर जाने की कोशिश करे, तो उसे तुरंत रोक लिया जाए।
ईडी 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा रिलायंस समूह की कंपनियों को दिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपये के ऋणों के कथित गलत उपयोग की जांच कर रही है। एजेंसी ने पाया है कि बैंक के प्रमोटरों को ऋण मंजूर होने से पहले ही भुगतान मिल गया था, जो एक गलत लेन-देन की तरफ संकेत करता है।
इस मामले में ईडी ने 24 जुलाई को 50 से ज्यादा कंपनियों पर छापेमारी शुरू की थी, जो तीन दिन तक चली। ये छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई थीं। रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि वे जांच को स्वीकार करती हैं, लेकिन इन छापों का उनके व्यवसाय, वित्तीय प्रदर्शन या शेयरधारकों पर कोई असर नहीं पड़ा है।
कंपनियों ने यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में जिन आरोपों का जिक्र है, वे रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के पुराने लेन-देन से जुड़े हैं, जो दस साल से ज्यादा पुराने हैं।