Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Nov, 2025 09:07 AM

दिल्ली की हवा फिर खतरे के निशान पर है, और सरकार ने इस बार प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कड़ा कदम उठाया है। अब राजधानी की सीमाओं में सिर्फ BS-VI स्टैंडर्ड वाले कॉमर्शियल गुड्स वाहन को ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी। यानी अगर आपकी गाड़ी का इंजन BS-IV या...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की हवा फिर खतरे के निशान पर है, और सरकार ने इस बार प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कड़ा कदम उठाया है। अब राजधानी की सीमाओं में सिर्फ BS-VI स्टैंडर्ड वाले कॉमर्शियल गुड्स वाहन को ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी। यानी अगर आपकी गाड़ी का इंजन BS-IV या BS-III है, तो वह 1 नवंबर से दिल्ली में दाखिल नहीं हो सकेगी। यह कदम सर्दियों में खतरनाक रूप से बढ़ते एयर पॉल्यूशन लेवल को कम करने की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
सरकार का नया आदेश – प्रदूषण पर नकेल
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और दिल्ली परिवहन विभाग ने संयुक्त रूप से यह आदेश लागू किया है। अब अन्य राज्यों के BS-VI से नीचे वाले सभी कॉमर्शियल वाहन दिल्ली में नहीं आ पाएंगे। यह सख्त नियम उन ट्रकों और मालवाहक गाड़ियों के लिए है जो दिल्ली में रोज़ाना हजारों टन माल लेकर प्रवेश करते हैं और प्रदूषण में बड़ा योगदान देते हैं।
ट्रांसपोर्ट कंपनियों को मिली अस्थायी राहत
सरकार ने पूरी तरह सख्ती से पहले एक साल की मोहलत भी दी है। BS-IV इंजन वाले वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक अस्थायी मंजूरी दी गई है। इस अवधि में ट्रांसपोर्ट कंपनियों को अपने पुराने फ्लीट को BS-VI स्टैंडर्ड में अपग्रेड करने का समय मिलेगा। यानी दो साल तक वे धीरे-धीरे अपने वाहनों को नए मानकों के अनुरूप ढाल सकेंगे।
किन गाड़ियों को मिलेगी एंट्री की अनुमति
दिल्ली में सिर्फ निम्नलिखित वाहन ही आ-जा सकेंगे —
दिल्ली में पंजीकृत कॉमर्शियल गुड्स वाहन
BS-VI पेट्रोल और डीज़ल वाहन
BS-IV वाहन (केवल 31 अक्टूबर 2026 तक)
CNG, LNG और इलेक्ट्रिक वाहन
सरकार इन स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को प्राथमिकता (Priority Entry) देगी, ताकि पर्यावरण-हितैषी ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिल सके।
निजी गाड़ियों पर नहीं होगा असर
यह आदेश सिर्फ मालवाहक वाहनों पर लागू होगा। निजी कार, बाइक, टैक्सी या ऐप-आधारित गाड़ियां (जैसे ओला-उबर) इस नियम के दायरे से बाहर रहेंगी। यानी आम यात्रियों को किसी नई पाबंदी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना
दिल्ली परिवहन विभाग ने सभी प्रवेश बिंदुओं पर RFID स्कैनिंग सिस्टम सक्रिय कर दिया है ताकि मानक से नीचे वाले वाहन स्वतः पहचान लिए जाएं।
नियम तोड़ने पर ₹20,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
बार-बार उल्लंघन करने वालों के वाहन परमिट रद्द भी किए जा सकते हैं।
वाहनों से 38% प्रदूषण – अब रोक जरूरी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कुल प्रदूषण में वाहनों का योगदान लगभग 38% है। ऐसे में पुराने डीजल ट्रकों पर प्रतिबंध लगाना न सिर्फ प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में अहम कदम है, बल्कि यह राजधानी को सांस लेने लायक हवा लौटाने का प्रयास भी है।