Edited By Rahul Rana,Updated: 04 Aug, 2025 08:33 PM

सार्वजनिक स्थान पर कबूतरों को दाना डालना अब सिर्फ एक सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि कानूनी अपराध बन चुका है। मुंबई पुलिस ने माहिम इलाके में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 270 और 223 के तहत मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई...
नेशनल डेस्कः सार्वजनिक स्थान पर कबूतरों को दाना डालना अब सिर्फ एक सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि कानूनी अपराध बन चुका है। मुंबई पुलिस ने माहिम इलाके में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 270 और 223 के तहत मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद की गई है, जिसमें सार्वजनिक और विरासत स्थलों पर कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगाई गई है।
क्या है मामला?
यह घटना माहिम के एलजी रोड की है, जहां एक व्यक्ति अपनी कार से उतरकर कबूतरों को दाना डालता नजर आया। हालांकि, उसकी पहचान नहीं हो सकी क्योंकि कार की नंबर प्लेट स्पष्ट नहीं दिख रही थी। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
क्यों उठाया गया यह कदम?
मुंबई में कबूतरों की बेतहाशा बढ़ती आबादी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं। खासकर फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इसी के मद्देनजर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरों को सार्वजनिक स्थलों पर दाना डालने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। अदालत ने यह भी कहा था कि ज़रूरत पड़ने पर ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज की जाए।
कानूनी सजा क्या है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 270 और 223 के तहत दर्ज इस अपराध के लिए अधिकतम ₹2,500 का जुर्माना या 6 महीने तक की जेल हो सकती है।
मुंबई में 51 कबूतरखानों की हुई पहचान
BMC और मुंबई पुलिस ने दादर स्थित कबूतरखाने का निरीक्षण किया है और तय किया गया है कि निगरानी के लिए अधिकारियों को तीन शिफ्टों में तैनात किया जाएगा। मुंबई में अब तक 51 कबूतरखानों की पहचान की जा चुकी है, जिन पर CCTV कैमरों और नियमित पेट्रोलिंग के जरिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सार्वजनिक स्थलों पर कबूतरों को दाना डालने से बचें और शहर में स्वच्छता और जनस्वास्थ्य बनाए रखने में सहयोग करें।