Heart Attack Alert: हाई ब्लड प्रेशर से लेकर हार्ट अटैक तक: दिल की ये बड़ी बीमारियों के शुरुआती संकेत, एक्सपर्ट से जानें

Edited By Updated: 03 Oct, 2025 01:29 PM

from high blood pressure to heart attack learn from experts about these early

भारत और दुनिया भर में हार्ट डिजीज (हृदय रोग) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अब यह समस्या केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही; युवा भी बड़ी संख्या में इनकी चपेट में आ रहे हैं। इसके मुख्य कारण हैं बदलती लाइफस्टाइल, अत्यधिक तनाव, अस्वस्थ खानपान...

नेशनल डेस्क: भारत और दुनिया भर में हार्ट डिजीज (हृदय रोग) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अब यह समस्या केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही; युवा भी बड़ी संख्या में इनकी चपेट में आ रहे हैं। इसके मुख्य कारण हैं बदलती लाइफस्टाइल, अत्यधिक तनाव, अस्वस्थ खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इन बीमारियों के लक्षणों को पहचान लिया जाए और बचाव के तरीके अपनाए जाएँ, तो खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

इन लोगों को है हार्ट डिजीज का ज्यादा खतरा
हृदय रोगों का जोखिम उन लोगों में ज्यादा होता है जिन्हें पहले से ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ हैं। इसके अलावा, अगर परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास रहा है तो भी खतरा बढ़ जाता है।

धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले, व्यायाम से दूर रहने वाले और मानसिक तनाव में रहने वाले युवा भी अब इन बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं। शहरों में जंक फूड, नींद की कमी और अस्वस्थ खानपान भी एक बड़ी वजह है। महिलाओं में, विशेष रूप से मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) के बाद हॉर्मोनल बदलावों के कारण जोखिम बढ़ सकता है।

हार्ट में होने वाली 5 सबसे आम बीमारियाँ और उनके लक्षण
बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. टी. एस. क्लेर ने हार्ट में होने वाली 5 सबसे आम बीमारियों और उनके लक्षणों के बारे में जानकारी दी है:

➤ कोरोनरी आर्टरी डिजीज
यह सबसे आम हृदय रोग है, जिसमें हृदय को रक्त पहुँचाने वाली नसें ब्लॉक या संकरी हो जाती हैं।
लक्षण: सीने में दर्द, सांस फूलना, लगातार थकान और कभी-कभी जबड़े या बाजू में दर्द महसूस होना।

➤ हार्ट अटैक 
यह तब होता है जब हृदय को खून पहुँचाने वाली नस पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है, जिससे हृदय की मांसपेशी को क्षति पहुँचती है।
लक्षण: अचानक सीने में तेज दर्द (जो अक्सर बाईं तरफ होता है), पसीना आना, मतली या उल्टी, बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ।

➤ अरिदमिया (धड़कन का असामान्य होना)
इसमें हृदय की धड़कन बहुत तेज, बहुत धीमी या असामान्य हो जाती है।
लक्षण: धड़कन महसूस होना, चक्कर आना, बेहोशी और अकारण थकान।

➤ हार्ट फेल्योर
यह स्थिति तब बनती है जब हृदय शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता।
लक्षण: लगातार थकान, पैरों या टखनों में सूजन, सांस फूलना और लेटने पर सांस लेने में तकलीफ होना।

➤ हाई ब्लड प्रेशर
इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि यह लंबे समय तक कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाता। हालांकि, यह धीरे-धीरे नसों को नुकसान पहुँचाता है और हार्ट अटैक, स्ट्रोक व किडनी डिजीज का खतरा बढ़ाता है।
लक्षण: ज्यादातर लोगों को रूटीन चेकअप में ही इसका पता चलता है। कुछ मामलों में सिरदर्द, चक्कर आना, और कभी-कभी सांस फूलना इसके संकेत हो सकते हैं।

हार्ट डिजीज से कैसे करें बचाव?
विशेषज्ञों ने हार्ट डिजीज से बचाव के लिए ये आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है:
व्यायाम: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट तक मध्यम स्तर का व्यायाम करें।
डाइट: फल, सब्जियां और फाइबर से भरपूर संतुलित आहार लें। जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
➤ बुरी आदतों से दूरी: धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन पूरी तरह छोड़ दें।
नियमित जाँच: ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की समय-समय पर जाँच कराएं।
तनाव प्रबंधन: मेडिटेशन या योग को अपनाकर तनाव कम करें।
पर्याप्त नींद: हर रात गहरी और पर्याप्त नींद लेना सुनिश्चित करें।
डॉक्टर से परामर्श: अगर अचानक कोई लक्षण दिखाई दे तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।

 

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