Edited By Mansa Devi,Updated: 23 Nov, 2025 12:42 PM

भारत सरकार ने 21 नवंबर से नए श्रम कानून (लेबर कोड) लागू कर दिए हैं। इसके तहत पहले के 29 अलग-अलग श्रम कानूनों को 4 नए कानूनों में समाहित किया गया है। सरकार का मकसद देश में श्रमिकों के लिए सुरक्षित और आधुनिक वर्क फ्रेमवर्क तैयार करना है।
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने 21 नवंबर से नए श्रम कानून (लेबर कोड) लागू कर दिए हैं। इसके तहत पहले के 29 अलग-अलग श्रम कानूनों को 4 नए कानूनों में समाहित किया गया है। सरकार का मकसद देश में श्रमिकों के लिए सुरक्षित और आधुनिक वर्क फ्रेमवर्क तैयार करना है।
ग्रैच्युटी का फायदा अब जल्दी
पहले कर्मचारियों को ग्रैच्युटी का हक पाने के लिए 5 साल लगातार सेवा करनी होती थी। नए लेबर कोड के तहत, फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों और कुछ कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स अब सिर्फ 1 साल काम करने के बाद ग्रैच्युटी के हकदार होंगे। स्थायी कर्मचारियों के लिए अभी भी 5 साल की शर्त लागू रहेगी। ग्रैच्युटी के कैलकुलेशन के नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस बदलाव से ज्यादा श्रमिक लाभान्वित होंगे और वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी।
गिग वर्कर और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए PF का लाभ
नए कोड के लागू होने के बाद, अब केवल पारंपरिक कर्मचारी ही नहीं, बल्कि गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स और फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को भी Provident Fund (पीएफ) का लाभ मिलेगा। इससे उनकी वित्तीय सुरक्षा पहले से ज्यादा मजबूत होगी। पीएफ के लिए कंपनी और वर्कर दोनों को योगदान देना होगा और कंपनी में PF कानून लागू होना जरूरी है।
20 दिन काम करने पर 1 दिन छुट्टी
नए नियमों के अनुसार, कर्मचारी 20 दिन काम करने के बाद 1 दिन की छुट्टी लेने के हकदार होंगे। यह बदलाव ठेका और प्रवासी श्रमिकों के लिए फायदेमंद है। इस नियम से श्रमिकों को अपनी छुट्टियों का सही उपयोग करने का अधिकार मिलेगा और उनकी वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर होगी।
सभी श्रमिकों को शामिल करने की कोशिश
नए लेबर कोड का मुख्य उद्देश्य सभी श्रमिकों को लाभ पहुंचाना है। चाहे वे नियमित कर्मचारी हों, कॉन्ट्रैक्ट वर्कर हों या गिग वर्कर अब सभी को ग्रैच्युटी, पीएफ और छुट्टियों के अधिकार मिलेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत के श्रम क्षेत्र में एक बड़ा सुधार है और कामगारों की वित्तीय सुरक्षा और कल्याण को मजबूत करेगा।