Gold Price Hike: 9000 रुपए महंगा हुआ सोना, 33,800 रुपये प्रति 10 ग्राम का इजाफा, जानें 24 कैरेट सोने की कीमत

Edited By Updated: 10 Sep, 2025 07:48 AM

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भारतीय सर्राफा बाजार में इन दिनों सोना रफ्तार पकड़ चुका है। सिर्फ 9 दिनों में कीमतें 9,000 रुपये से ज्यादा उछल चुकी हैं, और दिल्ली में तो पीली धातु ने नया कीर्तिमान रच दिया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है, जिससे...

नेशनल डेस्क: भारतीय सर्राफा बाजार में इन दिनों सोना रफ्तार पकड़ चुका है। सिर्फ 9 दिनों में कीमतें 9,000 रुपये से ज्यादा उछल चुकी हैं, और दिल्ली में तो पीली धातु ने नया कीर्तिमान रच दिया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है, जिससे निवेशकों की दिलचस्पी और भी बढ़ गई है।

दिल्ली में सोना बना महंगाई का बादशाह
मंगलवार को दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 5,080 रुपये की एक दिन की बड़ी छलांग लगाकर 1,12,750 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई – जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले यह सोमवार को 1,07,670 रुपये पर बंद हुआ था। चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल देखा गया और यह 2,800 रुपये की तेजी के साथ 1,28,800 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।

सितंबर में अब तक कितना उछला सोना?
महज 9 दिन बीते हैं और इस दौरान सोने की कीमत करीब 9% तक बढ़ चुकी है। अगस्त के आखिरी कारोबारी दिन (31 अगस्त) तक कीमत 1,03,670 रुपये थी, जो अब तक 9,000 से ज्यादा बढ़कर 1.12 लाख के पार पहुंच गई है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक कुल मिलाकर 43% की तेजी देखी गई है – यानी 33,800 रुपये प्रति 10 ग्राम का इजाफा।

विदेशी बाजारों में भी दिखा रफ्तार का असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोना इतिहास रच रहा है। मंगलवार को ग्लोबल मार्केट में यह 3,659 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। हालाँकि, दिन के अंत में कीमत थोड़ी घटकर 3,652 डॉलर रही, लेकिन फिर भी यह अब तक की सबसे ऊँची ट्रेडिंग रेंज मानी जा रही है। इस तेजी के पीछे एक बड़ी वजह अमेरिका में जारी कमजोर रोजगार डेटा है, जिससे ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं बढ़ गई हैं। नतीजतन, डॉलर इंडेक्स 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे गोल्ड की चमक और तेज हो गई है।

क्यों बढ़ रही है गोल्ड की मांग?
विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने की कीमत में तेजी सिर्फ ब्याज दरों के कारण नहीं है, बल्कि यह कई अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और आर्थिक संकेतकों का सम्मिलित असर है:

-केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी – दुनियाभर के सेंट्रल बैंक अपने गोल्ड रिजर्व को मजबूत कर रहे हैं, जिससे डिमांड बनी हुई है।
- ETF में निवेश में उछाल – गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, जो गोल्ड प्राइस को सपोर्ट कर रही है।
-भू-राजनीतिक तनाव – रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिका की टैरिफ नीति ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर मोड़ा है।
- फेडरल रिजर्व की नीति में संभावित नरमी – विशेषज्ञों का मानना है कि अगली तिमाही में ब्याज दरों में 2 से 3 बार कटौती हो सकती है, जिससे गोल्ड की यील्ड और भी आकर्षक हो जाएगी।

विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?
HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर कमोडिटी एनालिस्ट सौमिल गांधी का मानना है कि सोने की मौजूदा तेजी सिर्फ अस्थायी नहीं, बल्कि निवेशकों की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। ट्रेडजिनी के COO त्रिवेश डी ने इसे 'स्ट्रक्चरल बुल रन' करार दिया है। उनके मुताबिक, डॉलर का वर्चस्व घट रहा है और केंद्रीय बैंक अपने निवेश को अमेरिकी बॉन्ड से हटाकर गोल्ड में शिफ्ट कर रहे हैं।

 क्या आगे भी बढ़ेगा सोना?
ज्यादातर विश्लेषकों की राय है कि अगर फेडरल रिजर्व ने अक्टूबर या दिसंबर तक ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए, तो सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। इसके अलावा, आने वाले हफ्तों में अमेरिकी महंगाई आंकड़ों पर भी निवेशकों की नजरें टिकी हैं, जो भावी ट्रेंड तय करेंगे।

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