Edited By Mehak,Updated: 10 Nov, 2025 05:39 PM

सोने और चांदी की कीमतों में सोमवार को तेजी का रुख देखा गया। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और अगले महीने संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीद ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर आकर्षित किया। 10 नवंबर को एमसीएक्स पर सोना 1,23,057 रुपये प्रति 10 ग्राम...
नेशनल डेस्क : सोने और चांदी की कीमतों में सोमवार को बढ़ोतरी देखने को मिली है। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और अगले महीने US फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में संभावित कमी की संभावना ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर खींचा है।
वर्तमान कीमतें
10 नवंबर की दोपहर तक MCX पर सोना 1.64% की बढ़त के साथ 1,23,057 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। वहीं, चांदी 2.66% उछलकर 1,51,657 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई।
कीमतों में बढ़ोतरी के कारण
1. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: दुनिया भर में आर्थिक मंदी और बाजार में अस्थिरता के चलते निवेशक सुरक्षित विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
2. कमजोर अमेरिकी डॉलर: डॉलर कमजोर होने से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए सोना और चांदी सस्ता हो गया है, जिससे मांग बढ़ी है।
3. ब्याज दरों में संभावित कटौती: अमेरिका में अगले महीने ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने निवेशकों को कीमती धातुओं की ओर आकर्षित किया।
4. शादी-ब्याह का सीजन: भारत में शादी और त्योहारों के कारण खुदरा मांग में वृद्धि, जिससे कीमतों में दबाव ऊपर की ओर रहता है।
निवेशकों के लिए सुझाव, जानें एक्सपर्ट्स की राय
- लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए सोना और चांदी अभी भी आकर्षक विकल्प हैं।
- अल्पकालिक निवेशकों को बाजार में उतार-चढ़ाव का ध्यान रखना चाहिए।
- खरीदारी से पहले सपोर्ट लेवल और बाजार की दिशा पर नजर डालना लाभकारी रहेगा।
- ज्वैलर्स के अनुसार शादियों के सीजन में खुदरा मांग बढ़ने के कारण कीमतों में दबाव बना रहेगा।
सोना-चांदी के दाम कैसे तय होते हैं?
1. डॉलर-रुपया विनिमय दर: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की कीमतें डॉलर में तय होती हैं। रुपये की कमजोरी से भारत में कीमतें बढ़ जाती हैं।
2. आयात शुल्क और कर: सोने का अधिकांश हिस्सा भारत में आयात किया जाता है, जिससे Import Duty, GST और स्थानीय करों का प्रभाव कीमत पर पड़ता है।
3. वैश्विक घटनाएं: युद्ध, मंदी, या ब्याज दरों में बदलाव जैसे घटनाक्रम सीधे दामों को प्रभावित करते हैं।
4. सांस्कृतिक और मौसमी मांग: भारत में सोना केवल निवेश नहीं, बल्कि परंपरा और रीति-रिवाज से जुड़ा है। शादी और त्योहारों के मौसम में मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल आता है।
5. महंगाई और बाजार जोखिम: जब महंगाई बढ़ती है या शेयर बाजार अस्थिर रहता है, निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं, जिससे कीमतें ऊपर जाती हैं।