Edited By Mehak,Updated: 05 Sep, 2025 12:54 PM

3-4 सितंबर को हुई GST काउंसिल की बैठक में GST दरों में बड़े बदलाव किए गए। अब तंबाकू से बने उत्पादों जैसे सिगरेट और गुटखा महंगे हो जाएंगे, जबकि बीड़ी सस्ती होगी। बीड़ी उद्योग से 70 लाख से ज्यादा लोगों की रोज़ी-रोटी जुड़ी है। सरकार का मानना है कि...
नेशनल डेस्क : 3-4 सितंबर को हुई GST काउंसिल की बैठक में GST दरों में बड़े बदलाव किए गए। अब तंबाकू से बने उत्पादों जैसे सिगरेट और गुटखा महंगे हो जाएंगे, जबकि बीड़ी सस्ती होगी।
बीड़ी पर राहत
- पहले बीड़ी पर 28% GST लगता था, जिसे घटाकर 18% कर दिया गया है।
- बीड़ी बनाने में इस्तेमाल होने वाले तेंदू पत्तों पर GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर सख्ती
- सिगरेट और गुटखा जैसे तंबाकू उत्पादों पर अभी 28% GST लगता है।
- अब इसे बढ़ाकर 40% कर दिया जाएगा।
बीड़ी पर टैक्स क्यों घटा?
बीड़ी उद्योग से 70 लाख से ज्यादा लोगों की रोज़ी-रोटी जुड़ी है। सरकार का मानना है कि टैक्स कम करने से छोटे उद्योग और मजदूरों को राहत मिलेगी। इससे पहले RSS और कई सामाजिक संगठनों ने भी बीड़ी पर टैक्स घटाने की मांग की थी। उनका कहना था कि ज्यादा टैक्स की वजह से रोजगार प्रभावित हो रहा है और पंजीकृत बीड़ी उद्योगों पर दबाव बढ़ा है।
विवाद और सवाल
कुछ लोग इसे राजनीतिक नजरिए से जोड़ रहे हैं, खासकर बिहार चुनावों के संदर्भ में। वहीं, चिंता यह भी जताई जा रही है कि बीड़ी, सिगरेट से ज्यादा हानिकारक है और इसका इस्तेमाल गरीब वर्ग अधिक करता है।
कंपनसेशन सेस की मियाद
- नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
- लेकिन सरकार ने साफ किया है कि जब तक कोविड-19 के दौरान लिया गया कर्ज पूरा नहीं चुकाया जाता, तब तक सिगरेट, गुटखा और बीड़ी जैसी चीजें मौजूदा रेट पर ही बेची जाएंगी।
- कंपनसेशन सेस की अवधि बढ़ाकर अब 2026 तक कर दी गई है। यह टैक्स लक्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर लगाया जाता है।
- दरअसल, कोविड-19 के दौरान केंद्र ने राज्यों को मदद देने के लिए 2.69 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इसी को चुकाने के लिए सेस जारी रखा गया है।