गुजरात बना उद्योगपतियो के ऑनलाइन बिजली बिल माफी पोटर्ल शुरू करने वाला पहला राज्य

Edited By shukdev,Updated: 21 Nov, 2019 09:37 PM

gujarat becomes first state to start online electricity bill waiver portal

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य की औद्योगिक इकाइयों के लिए विद्युत शुल्क माफी की कार्यवाही में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन विद्युत शुल्क माफी पोटर्ल लांच किया। पोटर्ल में राज्य की औद्योगिक इकाइयों के विद्युत शुल्क माफी के आवेदन ऑनलाइन ...

गांधीनगर: मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य की औद्योगिक इकाइयों के लिए विद्युत शुल्क माफी की कार्यवाही में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन विद्युत शुल्क माफी पोटर्ल लांच किया। पोटर्ल में राज्य की औद्योगिक इकाइयों के विद्युत शुल्क माफी के आवेदन ऑनलाइन मंजूर किए जाएंगे। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने इस नए पोटर्ल की विशेषताओं की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आज से ही पूरे राज्य में उद्योगपतियों के लिए विद्युत शुल्क माफी की ऑनलाइन सुविधा को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है। 

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ऑनलाइन विद्युत शुल्क माफी हासिल करने के लिए संबंधित औद्योगिक इकाइयों को ऑनलाइन पोटर्ल- सीईआइसीईडी डॉट गुजरात डॉट जीओवी डॉट इन पर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के साथ रजिस्ट्रेशन कर ऑनलाइन आवेदन देना होगा। ऐसे आवेदनों की सिस्टम द्वारा जांच कर निर्धारित प्रावधानों के संपूर्ण मालूम होने पर डिजिटल हस्ताक्षर वाला माफी प्रमाण पत्र सिर्फ एक ही दिन अर्थात 24 घंटे में ही जनरेट होगा तथा उसकी जानकारी ई-मेल या एसएमएस के जरिए संबंधित इकाई या आवेदक को हो जाएगी। 

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पटेल ने कहा कि आवेदन के साथ मिले जरूरी दस्तावेजों की जांच एवं छानबीन कर यदि योग्य हो तो संबंधित विद्युत वितरण कंपनी को भी ई-मेल के जरिए माफी प्रमाण पत्र के बारे में सूचित किया जाएगा। गलत जानकारी या दस्तावेजों के आधार पर यदि लाभ उठाया गया होगा, तो सालाना 18 फीसदी ब्याज वसूलने के साथ हासिल किए गए लाभ को रद्द करने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य से प्रतिवर्ष विद्युत कर माफी के लगभग तीन हजार आवेदन आते हैं। हर वर्ष लगभग 9 हजार मिलियन यूनिट पर विद्युत कर माफी का लाभ राज्य सरकार देती है जिससे उद्योगों को सालाना करीब 900 करोड़ रुपए का लाभ मिलता है। 

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वर्तमान कार्यपद्धति में दस्तावेजों के भौतिक आदान-प्रदान में प्रत्येक आवेदन का निस्तारण करने में छह महीने से अधिक समय लगता है और फॉलोअप के लिए संबंधित आवेदक को राजधानी गांधीनगर आना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत फिलहाल ई-रिटर्न और ई-पेमेंट मॉड्यूल कार्यरत है। जांच कार्य भी ऑनलाइन कर विद्युत इंस्टॉलेशन का नक्शा और विद्युत इंस्टॉलेशन चालू करने की मंजूरी इसी तरह ऑनलाइन दी जाती है। डीजी सेट रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत कार्यरत है। राज्य के मुख्य विद्युत निरीक्षक और विद्युत शुल्क समाहर्ता का सारा कामकाज 31 मार्च तक ऑनलाइन मॉड्यूल में करने की योजना भी है। 
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