Edited By Mansa Devi,Updated: 04 Sep, 2025 06:16 PM

हाल ही में हुए एक नए शोध ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों को हैरान कर दिया है। अभी तक दिल का दौरा पड़ने की मुख्य वजहें खराब लाइफस्टाइल, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और मोटापा मानी जाती थीं, लेकिन अब एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। रिसर्च में यह...
नेशनल डेस्क: हाल ही में हुए एक नए शोध ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों को हैरान कर दिया है। अभी तक दिल का दौरा पड़ने की मुख्य वजहें खराब लाइफस्टाइल, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और मोटापा मानी जाती थीं, लेकिन अब एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। रिसर्च में यह दावा किया गया है कि शरीर में छिपे कुछ खास तरह के बैक्टीरिया भी हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फिनलैंड की यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर यह रिसर्च की है, जिसे प्रतिष्ठित 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' में छापा गया है।
दिल की नसों में मिला बैक्टीरिया का 'घर'
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि दिल की नसों में जमा होने वाले फैटी प्लाक में बैक्टीरिया की एक परत (बायोफिल्म) मौजूद होती है। यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर यह साबित हो जाता है, तो भविष्य में हार्ट अटैक को रोकने के लिए एक खास तरह की वैक्सीन बनाने का रास्ता खुल सकता है।
कैसे काम करता है यह बैक्टीरिया?
कोरोनरी आर्टरी क्या है? ये वो नसें हैं जो हमारे दिल तक खून और ज़रूरी पोषण पहुंचाती हैं। जब इनमें फैट या कोलेस्ट्रॉल जमा होता है, तो नसें सिकुड़ जाती हैं और खून का प्रवाह रुक जाता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
प्लाक में छिपा खतरा: शोधकर्ताओं ने 121 ऐसे लोगों की जांच की जिनकी मौत अचानक हार्ट अटैक से हुई थी, और 96 लोगों की जिनकी हाल ही में हार्ट सर्जरी हुई थी। सभी की आर्टरीज में जमा प्लाक में बैक्टीरिया की परत मिली, जिसमें से कुछ बैक्टीरिया सुप्त (dormant) अवस्था में थे।
सूजन और हार्ट अटैक: ये बैक्टीरिया अक्सर दवाओं से बच जाते हैं और जब किसी वजह से सक्रिय होते हैं, तो वे तेजी से बढ़ने लगते हैं। इससे आर्टरीज में सूजन आ जाती है। यह सूजन प्लाक को तोड़ सकती है, जिससे खून का थक्का बन जाता है और दिल का दौरा पड़ सकता है।
शरीर में कहाँ छिपे हो सकते हैं ये बैक्टीरिया?
डीएनए जांच से पता चला है कि ये बैक्टीरिया हमारे शरीर में मुंह, आंत, फेफड़े और त्वचा के रास्ते प्रवेश करते हैं और लंबे समय तक छिपे रह सकते हैं। समय के साथ, इनकी मौजूदगी शरीर में लंबे समय तक रहने वाली सूजन (chronic inflammation) का कारण बन सकती है, जो दिल की बीमारियों को जन्म देती है।