Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Sep, 2025 09:46 AM

भारत ने अपनी रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार रेल-रेलर आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस सफलता के बाद अब देश को पारंपरिक स्थिर लॉन्चर जैसे श्रीहरि कोटा की जरूरत नहीं...
नेशनल डेस्क: भारत ने अपनी रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार रेल-रेलर आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस सफलता के बाद अब देश को पारंपरिक स्थिर लॉन्चर जैसे श्रीहरि कोटा की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि यह मिसाइल चलती हुई ट्रेन से भी कहीं से भी दागी जा सकेगी। यह तकनीक भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और युद्ध रणनीतियों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
अग्नि-प्राइम मिसाइल भारत की अगली पीढ़ी की मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे लगभग 2000 किलोमीटर तक की दूरी तय करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें अत्याधुनिक तकनीक और कई उन्नत फीचर्स शामिल हैं, जो इसे और भी प्रभावी और सटीक बनाते हैं। इस मिसाइल की खासियत यह है कि इसे रेल नेटवर्क के माध्यम से कहीं भी तैनात किया जा सकता है, जिससे दुश्मन के लिए इसे रोकना और निशाना बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बड़ी सफलता पर डीआरडीओ, सामरिक बल कमान (SFC) और सशस्त्र बलों को ट्विटर पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस उड़ान परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जिनके पास रेल-आधारित कैनिस्टराइज्ड लॉन्चर सिस्टम विकसित करने की क्षमता है। यह तकनीक न केवल भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगी, बल्कि उसकी सामरिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगी।
इस परीक्षण की सफलता भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास की निरंतर प्रगति को दर्शाती है, जो देश को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ऐसे तकनीकी उपलब्धियों से भारत का आत्मविश्वास और सामरिक प्रभाव दोनों बढ़ेंगे, जो वैश्विक स्तर पर उसकी ताकत को और मजबूत करेंगे।