भारत ने बनाया पहला स्वदेशी मलेरिया टीका 'EdFalciVax', संक्रमण और प्रसार पर दोहरी रोक

Edited By Updated: 20 Jul, 2025 02:24 PM

india develops edfalcivax first indigenous malaria vaccine

मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के खिलाफ भारत ने एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है। देश का पहला स्वदेशी मलेरिया टीका ‘EdFalciVax’ तैयार कर लिया गया है। यह टीका न केवल मलेरिया के संक्रमण को रोकने में कारगर है, बल्कि इसके प्रसार को भी प्रभावी ढंग से...

नेशनल डेस्क : मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के खिलाफ भारत ने एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है। देश का पहला स्वदेशी मलेरिया टीका ‘EdFalciVax’ तैयार कर लिया गया है। यह टीका न केवल मलेरिया के संक्रमण को रोकने में कारगर है, बल्कि इसके प्रसार को भी प्रभावी ढंग से रोकने में सक्षम है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि यह टीका मलेरिया परजीवी प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ पूरी तरह असरदार पाया गया है। यह परजीवी सबसे घातक मलेरिया संक्रमण का प्रमुख कारण माना जाता है।

मच्छर जनित रोगों के खिलाफ भारत की बड़ी छलांग

ICMR के अनुसार, भारत पिछले कई दशकों से मच्छर जनित रोगों जैसे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से लड़ रहा है। जहां डेंगू और चिकनगुनिया के टीकों पर शोध जारी है, वहीं मलेरिया के खिलाफ यह सफलता एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। EdFalciVax टीका भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (RMRC) और ICMR के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है। इसे लैक्टोकोकस लैक्टिस नामक सुरक्षित बैक्टीरिया की मदद से तैयार किया गया है, जो आमतौर पर दही और पनीर बनाने में इस्तेमाल होता है।

दोहरी सुरक्षा देने वाला टीका

इस टीके की सबसे खास बात यह है कि यह मलेरिया परजीवी को रक्त में प्रवेश करने से पहले ही रोक देता है। इसके साथ ही यह मच्छरों के माध्यम से संक्रमण फैलने की प्रक्रिया को भी प्रभावी रूप से रोकता है। यानी यह पूर्व-रक्त चरण और संचरण अवरोधक दोनों तरह से काम करता है।

सस्ती और असरदार वैक्सीन

वर्तमान में मलेरिया के जो दो टीके RTS,S और R21/Matrix-M — उपलब्ध हैं, उनकी कीमत लगभग ₹800 प्रति डोज है और उनकी प्रभावशीलता 33% से 67% के बीच है। इसके विपरीत, भारत में विकसित यह नया टीका अधिक प्रभावी होने के साथ-साथ किफायती भी होगा। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुशील सिंह ने बताया कि यह टीका संक्रमण को रोकने वाले मजबूत एंटीबॉडी बनाता है। अभी तक इसका पूर्व-नैदानिक परीक्षण किया जा चुका है, जिसे ICMR, राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (NIMR) और राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (NII) ने मिलकर पूरा किया है। टीके के व्यापक उत्पादन को लेकर ICMR ने निजी कंपनियों के साथ समझौते की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीद है कि यह टीका जल्द ही आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा।

भारत का वैश्विक योगदान

वर्ष 2023 में दुनियाभर में मलेरिया के लगभग 26 करोड़ मामले दर्ज किए गए, जिनमें से बड़ी संख्या दक्षिण-पूर्व एशिया और विशेषकर भारत से है। भारत का यह स्वदेशी टीका न केवल देश में, बल्कि अफ्रीका और एशिया के अन्य प्रभावित देशों में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। EdFalciVax के ज़रिए भारत वैश्विक मलेरिया उन्मूलन अभियान में अहम योगदान देने जा रहा है। यह वैज्ञानिक उपलब्धि भारत को न केवल मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में ले जाएगी, बल्कि भविष्य में डेंगू और अन्य मच्छर जनित रोगों के खिलाफ भी उम्मीद जगाएगी।

 

 

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