भारत ने आतंकवाद पर फिर दिखाया कड़ा रुख, राजनाथ ने SCO के बयान पर हस्ताक्षर से किया इनकार

Edited By Updated: 26 Jun, 2025 03:30 PM

india refuses to sign sco joint statement

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के दोषियों, वित्तपोषकों व प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए ...

International Desk: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के दोषियों, वित्तपोषकों व प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इससे निपटने में ‘‘दोहरा'' मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान समर्थित सीमापार से जारी आतंकवाद पर भारत की चिंताओं को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं करने के लिए SCO के बयान पर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्णय लिया। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि एससीओ आम सहमति के तहत काम करता है, लिहाजा दस्तावेज का समर्थन करने से सिंह के इनकार के परिणामस्वरूप  SCO रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन संयुक्त वक्तव्य जारी किए बिना ही समाप्त हो गया।

 

उन्होंने कहा कि सीमापार से जारी आतंकवादी गतिविधियों समेत आतंकवाद से निपटने के लिए कोई स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं है। सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद से निपटने के मामले में "दोहरा मापदंड नहीं" होना चाहिए एससीओ सदस्य देशों को एकजुटता के साथ इस खतरे की निंदा करनी चाहिए। भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। पाकिस्तान का परोक्ष उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के लिए सीमापार आतंकवाद को "नीतिगत साधन" के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।

 

उन्होंने कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के दौरान, पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली।" उन्होंने कहा, "पहलगाम हमले का तरीका भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पिछले आतंकवादी हमलों के जैसा था। भारत की आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति उसके कार्यों से प्रदर्शित होती है।" उन्होंने कहा, "इस नीति में आतंकवाद से खुद का बचाव करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। हमने दिखा दिया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।" सिंह ने कहा कि एससीओ सदस्यों को आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए।

 

उन्होंने इस खतरे से सभी रूपों में लड़ने के भारत के संकल्प की पुष्टि की। रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का भी आह्वान किया। सिंह ने कहा कि दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और साइबर हमलों से लेकर हाइब्रिड युद्ध तक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये खतरे सभी देशों के सामने हैं और इनसे निपटने के लिए पारदर्शिता, आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित एकीकृत प्रयासों की जरूरत है। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत, अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा व स्थिरता से संबंधित अपनी नीति पर अडिग रहा है। रक्षा मंत्री एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ पहुंचे थे।  

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