अगस्त 2025 में भारत का यूरोप को डीजल निर्यात 137% बढ़ा, रोजाना 2.42 लाख बैरल भेजा

Edited By Updated: 05 Sep, 2025 05:53 PM

india s diesel exports to europe increased by 137 in august 2025

अमेरिका ने रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। वहीं, भारत से यूरोप को डीजल के निर्यात में तेज़ी देखी जा रही है। अगस्त 2025 में भारत ने यूरोप को रोजाना 2.42 लाख बैरल डीजल भेजा, जो पिछले साल के मुकाबले 137% ज्यादा...

नेशनल डेस्क: अमेरिका ने रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। वहीं, भारत से यूरोप को डीजल के निर्यात में तेज़ी देखी जा रही है। अगस्त 2025 में भारत ने यूरोप को रोजाना 2.42 लाख बैरल डीजल भेजा, जो पिछले साल के मुकाबले 137% ज्यादा है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह तेजी यूरोपीय संघ (EU) द्वारा जनवरी 2026 से रूस से कच्चे तेल से बने उत्पादों के आयात पर लगने वाले प्रतिबंध की तैयारी के कारण है। यूरोप इस प्रतिबंध से पहले डीजल का बड़ा स्टॉक जमा कर रहा है।

भारत की बड़ी कंपनियों पर असर हो सकता है

भारत की प्रमुख कंपनियां, जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, रूस से कच्चा तेल खरीदकर उसे प्रोसेस कर यूरोप को डीजल निर्यात करती हैं। अगर EU का प्रतिबंध लागू हुआ तो इन कंपनियों को नुकसान हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त में यूरोप को डीजल का निर्यात जुलाई के मुकाबले 73% और पिछले एक साल के औसत से 124% ज्यादा था। ऊर्जा डेटा कंपनी Vortexa ने बताया कि अगस्त में निर्यात 2.28 लाख बैरल प्रतिदिन रहा, जो पिछले साल से 166% और जुलाई से 36% ज्यादा है।

डीजल निर्यात बढ़ने के तीन मुख्य कारण

  • रिफाइनरी मेंटेनेंस: यूरोप की कई बड़ी रिफाइनरियों ने अपने रख-रखाव कार्य जल्दी शुरू कर दिए हैं। खासकर नीदरलैंड की Shell Pernis रिफाइनरी ने मरम्मत को आगे बढ़ाया है।
  • सर्दियों की बढ़ती मांग: यूरोप में सर्दियों के मौसम में डीजल की खपत बढ़ जाती है, इसलिए खरीदार पहले से ही स्टॉक जमा कर रहे हैं।
  • EU का आने वाला प्रतिबंध: जनवरी 2026 से रूस से बने कच्चे तेल उत्पादों पर प्रतिबंध लागू होगा, जिससे भारत से डीजल सप्लाई पर असर पड़ सकता है। इसलिए यूरोप अब से ही ज्यादा डीजल खरीद रहा है।

EU की कड़ी शर्तें

EU ने साफ किया है कि जनवरी 2026 से केवल उन उत्पादों को स्वीकार किया जाएगा जिनमें इस्तेमाल किए गए कच्चे तेल की उत्पत्ति देश स्पष्ट हो। अगर कोई देश रूस से तेल लेकर उसे प्रोसेस कर निर्यात करता है, तो उस पर प्रतिबंध लग सकता है।

भारत पर अमेरिका की कड़ी टिप्पणी

अमेरिका ने कहा है कि भारत के रिफाइनर सस्ता रूसी तेल खरीदकर उसे प्रोसेस कर महंगे दामों पर पश्चिमी देशों को बेच रहे हैं। इससे रूस को अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक मदद मिलती है, जो यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल हो सकती है। भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करता है और अगर पश्चिमी देश चाहें तो भारतीय ईंधन खरीदना बंद कर सकते हैं।

आगे भी निर्यात में तेजी की उम्मीद

विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोप की मांग साल के बाकी महीनों में भी मजबूत रहेगी। खासकर अक्टूबर-नवंबर में जब मिडिल ईस्ट की रिफाइनरियों में रख-रखाव होगा, तब यूरोप भारत से और अधिक तेल खरीद सकता है। यह स्थिति 2023 में EU के प्रतिबंध लगाने से पहले की तैयारियों जैसी है, जब यूरोप ने तेजी से स्टॉक बनाया था।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!