Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Sep, 2025 05:59 PM

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि भारत की साक्षरता दर वर्ष 2011 में 74 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 80.9 प्रतिशत हो गई लेकिन वास्तविक प्रगति तभी होगी जब साक्षरता हर नागरिक की जिंदगी का हिस्सा बन जाएगी। प्रधान ने...
नई दिल्लीः केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि भारत की साक्षरता दर वर्ष 2011 में 74 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 80.9 प्रतिशत हो गई लेकिन वास्तविक प्रगति तभी होगी जब साक्षरता हर नागरिक की जिंदगी का हिस्सा बन जाएगी। प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से दिए गए अपने संबोधन में कहा, ‘‘साक्षरता सिर्फ पढ़ने और लिखने तक सीमित नहीं है। यह गरिमा, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का माध्यम है।''
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की साक्षरता दर 2011 में 74 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 80.9 प्रतिशत हो गई है, लेकिन असली प्रगति तभी हासिल होगी जब साक्षरता हर नागरिक के लिए एक जीवंत वास्तविकता बन जाएगी।'' उन्होंने उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का जिक्र किया, जिसके अंतर्गत तीन करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 42 लाख स्वयंसेवक नामांकित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 1.83 करोड़ शिक्षार्थी पहले ही बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता मूल्यांकन में शामिल हो चुके हैं, जिसमें 90 प्रतिशत सफलता मिली है। यह कार्यक्रम अब 26 भारतीय भाषाओं में शिक्षण सामग्री प्रदान करता है, जिससे साक्षरता वास्तव में समावेशी बन रही है।''