भारत-यूएस व्यापार पर 25% टैरिफ का आर्थिक असर होगा सीमित, जीडीपी में केवल 0.2% गिरावट संभव - सूत्र

Edited By Updated: 01 Aug, 2025 08:45 PM

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले के बाद अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार दोपहर NDTV को जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि इस टैरिफ का भारत की जीडीपी पर...

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले के बाद अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार दोपहर NDTV को जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि इस टैरिफ का भारत की जीडीपी पर ‘नगण्य’ प्रभाव होगा और वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी में 0.2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट की संभावना नहीं है। भारतीय अर्थशास्त्रियों के अनुसार यह गिरावट लगभग 0.3 प्रतिशत के करीब हो सकती है।

सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि जीडीपी को 0.2 प्रतिशत का नुकसान जो करीब 330.68 लाख करोड़ रुपये के नाममात्र नुकसान के बराबर है, जिसे संभाला जा सकता है’। टैरिफ के साथ ही अमेरिकी दबाव के तहत भारत से कृषि और डेयरी उत्पादों के बाजार खोलने की मांग पर सरकार ने साफ मना किया है। सरकार मूल्य-संवेदनशील कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने, गोमांस या ‘मांसाहारी दूध’ (जैसे हड्डियों के चूर्ण वाले दूध) के आयात की अनुमति देने से कतई नहीं झुकेगी क्योंकि इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है।

सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि भारत ‘राष्ट्रीय हित’ की रक्षा करते हुए किसानों, उद्यमियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। खासकर किसानों के हितों को लेकर सरकार कोई समझौता नहीं करेगी और आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलों के आयात की अनुमति नहीं देगी। यह घोषणा अमेरिकी-भारतीय व्यापार समझौते की बातचीत के ठहराव के बीच आई है। बताया जा रहा है कि अमेरिका चाहता था कि उसके किसान और डेयरी उत्पादक भारत में अपने उत्पाद बेच सकें, लेकिन भारत ने बार-बार इन बाजारों को खोलने से इंकार किया है।

भारत में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान 20 प्रतिशत से कम है, लेकिन लगभग आधी 144 करोड़ की जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र से जुड़ी है, जो इसे एक बड़ा वोट बैंक बनाता है। इसी कारण 2021 में भारी विरोध के बाद सरकार को तीन विवादित कृषि कानून वापस लेने पड़े थे। टैरिफ की घोषणा के कुछ घंटे पहले, ट्रंप ने अमेरिकी पत्रकारों से कहा था, “भारत एक अच्छा दोस्त रहा है, लेकिन उसने अन्य देशों की तुलना में ज्यादा टैरिफ लगाए हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।”

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और पिछले चार वर्षों से यह स्थिति बनी हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 132 अरब डॉलर था। पिछले वर्ष अमेरिका को भारत का निर्यात 11.6 प्रतिशत बढ़कर 86.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 42.2 अरब डॉलर से बढ़कर 45.33 अरब डॉलर हो गया।

इस बीच, सरकार ने बताया कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जो पिछले साल नवंबर से चल रही है, वह सही दिशा में आगे बढ़ रही है। समझौते के अंतिम रूप देने के बाद 25 प्रतिशत टैरिफ की समीक्षा की जाएगी और इसे कम करने पर बातचीत फिर से शुरू होगी। सरकार ने यह भी बताया कि सितंबर या अक्टूबर तक इस समझौते की घोषणा की उम्मीद है। हालांकि 7 अगस्त से टैरिफ लागू होने से पहले कोई फैसला लेना मुश्किल दिख रहा है।

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