Edited By Mansa Devi,Updated: 23 Jun, 2025 06:46 PM

पाक और ईरानी एयरस्पेस बंद होने से भारतीय एयरलाइंस के लिए उड़ानें महंगी और जटिल हो गई हैं। यात्रियों को समय, लागत और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, और टूरिज्म सेक्टर भी इसका असर झेल रहा है। जियो-पॉलिटिकल हालात में सुधार ही इस समस्या का दीर्घकालीन...
नेशनल डेस्क: भारतीय विमान सेवाओं के सामने मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया था। अब ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के कारण ईरानी एयरस्पेस भी भारतीय उड़ानों के लिए बंद हो गया है। इससे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रास्ते लम्बे हो गए हैं, ईंधन की खपत बढ़ गई है, और टिकट की कीमतें भी बढ़ गई हैं।
पाकिस्तान और ईरान के एयरस्पेस बंद होने से विमान सेवा प्रभावित
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की एविएशन एक्सपर्ट कमिटी के अध्यक्ष सुभाष गोयल के मुताबिक, केवल पाकिस्तान और ईरान ही नहीं, कई अन्य देशों के एयरस्पेस भी भारतीय उड़ानों के लिए बंद हैं। इसका सीधा असर दिल्ली, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों से उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स पर पड़ा है। लंबा रास्ता और बढ़ा हुआ ईंधन खर्च, टिकट की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का कारण बना है।
यात्रियों को झेलनी पड़ रही असुविधा
एविएशन एक्सपर्ट अमित सिंह ने बताया कि लंबे रास्तों के कारण अब भारतीय एयरलाइंस को कम से कम एक स्टॉप लेना पड़ रहा है, जिससे यात्रियों का समय भी ज्यादा लग रहा है और उनकी थकान भी बढ़ रही है। इससे पहले नॉन-स्टॉप उड़ानें थीं, अब बीच में रुकावटें आ गई हैं।
तेल की बढ़ती कीमतें और महंगी उड़ानें
सुभाष गोयल ने कहा कि तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण एयरलाइंस का खर्च और भी बढ़ा है। ज्यादा ईंधन जलाने और लंबा मार्ग अपनाने के कारण लागत बढ़ रही है, जिसका भार अंततः यात्रियों पर पड़ रहा है।
बदलते रूट और ऑपरेशन की जटिलताएं
अब भारतीय एयरलाइंस को गुजरात के भुज और जामनगर के बीच अरब सागर के ऊपर से उड़ान भरनी पड़ रही है। ओमान और यूएई के एयरस्पेस से होकर ग्रीस और नॉर्थ मैसेडोनिया के रास्ते यूरोप व अमेरिका तक पहुंचना पड़ रहा है, जो पहले सीधे पाक-ईरानी रास्ते से संभव था।
दिल्ली समेत अन्य एयरपोर्ट्स को ज्यादा नुकसान
दिल्ली और आसपास के एयरपोर्ट्स से उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स को खासा नुकसान हुआ है। पहले सीधे पाकिस्तान और ईरान के ऊपर से उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स अब लंबे घुमावदार रास्तों से गुजर रही हैं, जिससे उड़ान समय और खर्च दोनों बढ़ गए हैं।
टूरिज्म इंडस्ट्री भी प्रभावित
टिकट की बढ़ती कीमतों की वजह से विदेश यात्रा कम हो रही है, जिससे टूरिज्म सेक्टर को भी भारी नुकसान हो रहा है। मध्यम वर्ग के लोगों के लिए महंगी उड़ानें यात्रा को मुश्किल बना रही हैं।
समाधान की संभावना कम
एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक राजनीतिक तनाव खत्म नहीं होता और एयरस्पेस खुलता नहीं, तब तक समस्या बनी रहेगी। कुछ सुझावों में सरकार द्वारा सब्सिडी देना और एयरलाइंस द्वारा ईंधन-कुशल विमान उपयोग करना शामिल हैं, लेकिन असली समाधान जियो-पॉलिटिकल स्थिति के सुधार में ही है।