एक महीना नहीं मिलेंगे कंडोम.... हिंसा और राजनीति के बाद अब नई मुसीबत

Edited By Updated: 27 Dec, 2025 08:08 PM

no condoms will be available for a month

बांग्लादेश इस वक्त कई गंभीर संकटों से घिरा हुआ है। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच अब देश के सामने एक ऐसा संकट खड़ा हो गया है, जो सीधे आम लोगों की निजी जिंदगी और भविष्य से जुड़ा है। ताजा रिपोर्ट के...

नेशनल डेस्क: बांग्लादेश इस वक्त कई गंभीर संकटों से घिरा हुआ है। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच अब देश के सामने एक ऐसा संकट खड़ा हो गया है, जो सीधे आम लोगों की निजी जिंदगी और भविष्य से जुड़ा है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 की शुरुआत में बांग्लादेश में कम से कम एक महीने तक कॉन्डम की सप्लाई पूरी तरह बंद हो सकती है। यह स्थिति ऐसे समय सामने आई है, जब देश में जन्म दर बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं, जिससे सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों की चिंता और गहरा गई है।

स्थानीय अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, फंड की कमी और भारी स्टाफ संकट के कारण बांग्लादेश में कॉन्डम का मौजूदा स्टॉक सिर्फ 38 दिनों के लिए ही बचा है। अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद कम से कम एक महीने तक देशभर में कॉन्डम उपलब्ध नहीं हो पाएंगे, जिससे परिवार नियोजन कार्यक्रम बुरी तरह प्रभावित होगा।

जन्म दर में बढ़ोतरी ने बढ़ाई टेंशन

कॉन्डम संकट ऐसे समय में सामने आया है, जब बांग्लादेश में 50 साल बाद पहली बार कुल प्रजनन दर (TFR) में इजाफा दर्ज किया गया है। मल्टीपल इंडिकेटर क्लस्टर सर्वे 2025 के मुताबिक, देश की TFR बढ़कर 2.4 हो गई है, जो पिछले साल 2.3 थी। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के वर्षों में कई दंपती परिवार नियोजन से दूर हो रहे हैं और दो से ज्यादा बच्चों का चलन फिर से बढ़ रहा है। ऐसे में गर्भनिरोधकों की कमी हालात को और विस्फोटक बना सकती है।

छह साल में आधी से ज्यादा घट गई कंडोम की सप्लाई

बांग्लादेश में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फैमिली प्लानिंग (DGFP) लोगों को मुफ्त में गर्भनिरोधक साधन उपलब्ध कराता है। इनमें कॉन्डम, गर्भनिरोधक गोलियां, IUD, इंजेक्शन और इम्प्लांट शामिल हैं। लेकिन अब यही सिस्टम गंभीर संकट में फंस चुका है। राष्ट्रीय गर्भनिरोधक सारांश रिपोर्ट के अनुसार, बीते छह वर्षों में कॉन्डम की सप्लाई में 57 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालात सिर्फ कॉन्डम तक सीमित नहीं हैं-

  • गर्भनिरोधक गोलियों की सप्लाई 63% घटी
  • IUD की उपलब्धता में 64% की गिरावट
  • इंजेक्शन 41% कम हुए
  • इम्प्लांट की सप्लाई 37% घट गई

कानूनी पेंच और स्टाफ संकट ने बिगाड़े हालात

DGFP के लॉजिस्टिक्स और सप्लाई यूनिट के निदेशक अब्दुर रज्जाक के मुताबिक, कुछ गर्भनिरोधक साधनों की आपूर्ति जल्द बहाल हो सकती है, बशर्ते खरीद से जुड़े कानूनी विवाद सुलझ जाएं। हालांकि उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कॉन्डम की कमी फिलहाल तय है, और लोगों को कम से कम एक महीने तक परेशानी झेलनी पड़ेगी।

समस्या यहीं खत्म नहीं होती। फील्ड लेवल पर काम करने वाले कर्मचारियों की भारी कमी ने हालात को और गंभीर बना दिया है। कानूनी अड़चनों के कारण नई भर्तियां रुकी हुई हैं, जबकि यही कर्मचारी घर-घर जाकर गर्भनिरोधक साधन बांटने और परिवार नियोजन को लेकर लोगों को जागरूक करने की अहम भूमिका निभाते हैं।

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