फाइनेंशियल सर्विस कंपनी जेपी मॉर्गन - ट्रेड वॉर में विश्व के लिए इंडिया होगा 'सेफ हेवन', चीन-अमेरिका को भी छोड़ेगा पीछे

Edited By Mehak,Updated: 20 May, 2025 05:06 PM

jp morgan said india will be a  safe haven  for the world in the trade war

फाइनेंशियल सर्विस कंपनी जेपी मॉर्गन ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक सकारात्मक बयान दिया है। कंपनी का कहना है कि अगर भविष्य में किसी प्रकार का युद्ध या ट्रेड वॉर होता है, तो भी भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जेपी मॉर्गन ने भारत को...

नेशनल डेस्क : फाइनेंशियल सर्विस कंपनी जेपी मॉर्गन ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक सकारात्मक बयान दिया है। कंपनी का कहना है कि अगर भविष्य में किसी प्रकार का युद्ध या ट्रेड वॉर होता है, तो भी भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जेपी मॉर्गन ने भारत को 'सेफ हेवन' यानी सुरक्षित ठिकाना बताते हुए कहा है कि भारत आने वाले समय में एक मजबूत और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।

भारत की जीडीपी होगी सबसे ज्यादा

जेपी मॉर्गन का कहना है कि आने वाले समय में भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) उसके कवरेज वाले देशों में सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है। कंपनी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में उभरते हुए बाजारों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण जताया है और इनकी इक्विटी रेटिंग को न्यूटरल से बढ़ाकर ओवररेट किया है, जो यह दिखाता है कि जेपी मॉर्गन को उभरते बाजारों में विकास की काफी संभावनाएं नजर आ रही हैं।

ट्रेड वॉर के बीच भारत बनेगा सुरक्षित ठिकाना

जेपी मॉर्गन का कहना है कि दुनिया में ट्रेड वॉर का दूसरा दौर शुरू हो सकता है, लेकिन इस स्थिति में भारत एक सेफ हेवन के रूप में उभरेगा। टैरिफ वॉर के समय युद्ध में बड़े देश एक-दूसरे के सामानों पर आयात शुल्क बढ़ा देते हैं, जैसे हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच हुआ था। जब बड़े देशों के बीच इस तरह की स्थिति बनती है तो व्यापार में अस्थिरता आ जाती है और निवेशक सुरक्षित स्थान की तलाश करते हैं। ऐसे में भारत अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था और स्थिर नीतियों के कारण इन निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन सकता है।

भारत की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव

जेपी मॉर्गन ने भारत की इकोनॉमिक साइकिल के बारे में भी सकारात्मक राय जताई है। उनका कहना है कि भारत का आर्थिक चक्र एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में बढ़ रहा है। इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जैसे ब्याज दरों में कटौती, ग्रामीण इलाकों में मांग का बढ़ना, और टैक्स कटौती।

ब्याज दरों में कटौती का असर

जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो लोगों और कंपनियों के लिए लोन सस्ते हो जाते हैं, जिससे निवेश और खर्च बढ़ता है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग

भारत में बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, और यहां की बढ़ती मांग देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने के लिए अहम है।

टैक्स कटौती से मिल सकता है आर्थिक प्रोत्साहन

यदि सरकार टैक्स कटौती करती है, तो इससे लोगों और कंपनियों के पास ज्यादा पैसा बचता है, जिसे वे खर्च या निवेश कर सकते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलता है। जेपी मॉर्गन का कहना है कि ये सभी कारक भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे और भविष्य में भारत तेजी से उभरते हुए देश के रूप में सामने आएगा।

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