Chronic Kidney Disease: मौत की 9वीं सबसे बड़ी वजह है किडनी की बीमारी, ये लक्षण नजर आते ही तुरंत अलर्ट रहें!

Edited By Updated: 24 Nov, 2025 12:14 PM

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दुनिया भर में किडनी की बीमारी अब एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप लेती जा रही है। हाल ही में प्रकाशित ग्लोबल स्टडी, जिसे इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन ने तैयार किया है और द लैंसेट में प्रकाशित हुई, में यह खुलासा हुआ कि 2023 में...

  नई दिल्ली: दुनिया भर में किडनी की बीमारी अब एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप लेती जा रही है। हाल ही में प्रकाशित ग्लोबल स्टडी, जिसे इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन ने तैयार किया है और द लैंसेट में प्रकाशित हुई, में यह खुलासा हुआ कि 2023 में क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) दुनिया में मौतों का नौवां सबसे बड़ा कारण बन चुकी है। अकेले पिछले साल इस बीमारी ने लगभग 15 लाख लोगों की जान ले ली।

दुनिया भर में बढ़ती CKD की संख्या
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि आज दुनिया में करीब 788 मिलियन (78.8 करोड़) वयस्क किसी न किसी स्तर की किडनी समस्या से जूझ रहे हैं। यह आंकड़ा 1990 की तुलना में दोगुना हो चुका है। इसका मतलब साफ है कि CKD अब अमीर और गरीब हर देश में तेजी से फैल रही है। नॉर्थ अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और साउथ एशिया में इसका प्रभाव सबसे ज्यादा है।

दिल की बीमारियों पर किडनी का असर
CKD सिर्फ किडनी तक सीमित नहीं है। कमजोर किडनी फंक्शन दुनिया भर में होने वाली करीब 11.5% कार्डियोवैस्कुलर मौतों के पीछे जिम्मेदार पाया गया है। यानी यह बीमारी दिल की सेहत पर भी गहरा असर डालती है।

कौन हैं सबसे ज्यादा प्रभावित?

  • साउथ एशिया: लगभग 16% वयस्क प्रभावित

  • भारत: करीब 138 मिलियन लोग

  • चीन: लगभग 152 मिलियन लोग

  • नॉर्थ अफ्रीका और मिडिल ईस्ट: सबसे ऊंची प्रीवेलेंस

CKD बढ़ने के पीछे तीन मुख्य कारण

  1. मेटाबॉलिक बीमारियां: डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा किडनी की फिल्टरिंग क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं।

  2. बुजुर्ग आबादी का बढ़ना: उम्र बढ़ने के साथ किडनी की कार्यक्षमता कम होती जाती है।

  3. जांच और इलाज की कमी: कई देशों में शुरुआती टेस्ट उपलब्ध नहीं हैं, लोग बीमारी के बढ़ने तक पता नहीं लगाते।

शुरुआती चेतावनी संकेत

  • यूरिन में बदलाव (बहुत ज्यादा/कम, झाग वाला या खून वाला)

  • पैरों, हाथों या आंखों के नीचे सूजन

  • लगातार थकान और कमजोरी

  • खुजली, मिचली, सूखी त्वचा

  • सांस फूलना, भूख कम होना

कदम जो आप उठा सकते हैं

  • नियमित टेस्ट कराएं (GFR, Urine Albumin)

  • ब्लड शुगर, बीपी और वजन को कंट्रोल में रखें

  • स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाएं – नमक कम, पर्याप्त पानी, धूम्रपान से दूर

CKD एक “साइलेंट किलर” है, इसलिए इसके शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच और सही जीवनशैली न केवल किडनी की रक्षा करती है, बल्कि दिल और शरीर की समग्र सेहत को भी बनाए रखती है।

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