11 जुलाई से बदल गया Toll System: टोल पर Loose FASTag मिला तो तुरंत ब्लैकलिस्ट, NHAI का सख्त आदेश

Edited By Updated: 22 Jul, 2025 02:11 PM

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भारत में टोल सिस्टम को हाईटेक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने फास्टैग को लेकर नई सख्त व्यवस्था लागू कर दी है, जिससे टोल पर हो रहे दुरुपयोग और जाम की समस्या को रोका जा सके। अगर अब कोई...

नेशनल डेस्क: भारत में टोल सिस्टम को हाईटेक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने फास्टैग को लेकर नई सख्त व्यवस्था लागू कर दी है, जिससे टोल पर हो रहे दुरुपयोग और जाम की समस्या को रोका जा सके। अगर अब कोई वाहन चालक फास्टैग को गाड़ी की विंडशील्ड पर सही तरीके से नहीं लगाता और हाथ में लेकर या डैशबोर्ड पर रखकर स्कैन कराने की कोशिश करता है, तो उसका फास्टैग बिना किसी चेतावनी के ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

11 जुलाई 2025 से नया नियम लागू हो चुका है, और इसे 'लूज फास्टैग' या 'टैग-इन-हैंड' श्रेणी में रखा गया है।

दरअसल, कुछ वाहन चालक जानबूझकर फास्टैग को विंडशील्ड पर नहीं लगाते ताकि टोल सिस्टम को भ्रमित किया जा सके या एक ही टैग का उपयोग अलग-अलग गाड़ियों में किया जा सके। इससे टोल लेन में देरी होती है, गलत भुगतान की शिकायतें बढ़ती हैं, और पूरे इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।

NHAI के मुताबिक, देशभर में लागू किए जा रहे मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग और एनुअल पास सिस्टम जैसे आगामी तकनीकी नवाचारों को सही तरीके से लागू करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी हो गया था।

अब अगर कोई फास्टैग सही तरीके से चिपका हुआ नहीं पाया जाता, तो टोल स्टाफ उसकी जानकारी संबंधित पोर्टल या ईमेल के जरिए भेजेगा, जिसके बाद NHAI उस टैग को तुरंत निष्क्रिय कर देगा। इससे वाहन चालक को न सिर्फ दिक्कत का सामना करना पड़ेगा, बल्कि टोल का भुगतान कैश में करना होगा, वह भी तभी जब ऐसी सुविधा उपलब्ध हो।

इसके साथ ही, "एक वाहन, एक टैग" की नीति पर भी सख्ती से अमल शुरू हो गया है। एक ही फास्टैग को अलग-अलग वाहनों में इस्तेमाल करना अब पूरी तरह गैरकानूनी माना जाएगा। उपयोगकर्ताओं को KYC अपडेट रखना अनिवार्य कर दिया गया है, और लंबे समय तक निष्क्रिय रहने या बार-बार नियमों के उल्लंघन पर फास्टैग को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। ऐसे मामलों में नया टैग लेना पड़ेगा, और फिर से एक्टिवेशन के लिए फॉर्मल प्रक्रिया से गुजरना होगा। जो लोग बार-बार नियमों की अनदेखी करेंगे, उनके खिलाफ भविष्य में कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

तो वाहन चालकों के लिए जरूरी है कि वे अपने फास्टैग को तय नियमों के अनुसार वाहन पर स्थायी रूप से चिपकाएं, नियमित रूप से बैलेंस चेक करें, और ऑटो-रिचार्ज जैसे विकल्पों को सक्रिय रखें, ताकि टोल प्लाजा पर तेज, सुगम और डिजिटल यात्रा का लाभ मिल सके। यह बदलाव केवल एक तकनीकी नियम नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते भारत का मजबूत संकेत है – जहां पारदर्शिता, दक्षता और सुविधा सर्वोपरि है।

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