Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Dec, 2025 04:00 PM

भारत का बैंकिंग सेक्टर लगातार बदल रहा है, और इस साल ग्राहकों के लिए कुछ बेहद अहम बदलाव देखने को मिले हैं। आइए जानते हैं कि इस साल बैंकिंग प्रणाली में कौन-कौन से बड़े बदलाव हुए और कैसे अब भूले-बिसरे पैसे और नॉमिनी क्लेम करना आसान हो गया है।
नेशनल डेस्क: भारत का बैंकिंग सेक्टर लगातार बदल रहा है, और इस साल ग्राहकों के लिए कुछ बेहद अहम बदलाव देखने को मिले हैं। आइए जानते हैं कि इस साल बैंकिंग प्रणाली में कौन-कौन से बड़े बदलाव हुए और कैसे अब भूले-बिसरे पैसे और नॉमिनी क्लेम करना आसान हो गया है।
अनक्लेम्ड पैसे अब आसानी से वापस
भारत में कई बैंक खाते वर्षों तक निष्क्रिय रह जाते हैं। ऐसे खातों में जमा राशि को अनक्लेम्ड डिपॉजिट कहा जाता है। इन पैसों तक पहुंचना पहले कठिन था, लेकिन अब RBI और सरकार की सक्रिय पहल से यह प्रक्रिया सरल हो गई है। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2022 से नवंबर 2025 तक, भारतीय बैंकों ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनक्लेम्ड राशि सही हकदारों तक पहुंचाई। यह कदम न सिर्फ बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाता है, बल्कि आम लोगों को उनके लंबे समय से भूले हुए पैसे वापस पाने का मौका भी देता है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि सरकारी और निजी दोनों बैंकों ने लाखों निष्क्रिय खातों की पहचान कर उनका निपटान किया। इस प्रक्रिया में बैंक ने दस्तावेज़ों की जाँच, वारिसों की पुष्टि और ग्राहकों से संपर्क कर उनके पैसे सही हकदार तक पहुंचाए।
DEA फंड स्कीम से सुरक्षित पैसा
RBI ने Depositor Education and Awareness (DEA) Fund Scheme लागू की है। इसके तहत किसी भी बचत, चालू या सावधि जमा खाते में अगर 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं होता, तो बैंक वह राशि RBI के केंद्रीय फंड में ट्रांसफर कर देता है। इससे पैसा सुरक्षित रहता है और जब असली मालिक सामने आता है, तो उसे आसानी से वापस दिया जा सकता है। 30 जून 2025 तक, सरकारी बैंकों ने DEA फंड में 58,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, जिसमें अकेले SBI का योगदान 19,330 करोड़ रुपये रहा। प्राइवेट बैंकों ने भी कुल मिलाकर लगभग 9,000 करोड़ रुपये फंड में जमा किए। RBI के निर्देशों के अनुसार, बैंकों को अनक्लेम्ड खातों की सूची अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होती है और मृत खाताधारकों के वारिसों को सक्रिय रूप से खोजने का निर्देश दिया गया है।
नॉमिनी नियम में बड़े बदलाव
1 नवंबर 2025 से बैंकिंग सेक्टर में नॉमिनी नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब आप अपने बैंक खाते, लॉकर या किसी सुरक्षित आइटम के लिए एक के बजाय चार नॉमिनी तय कर सकते हैं। पहले ज्यादातर बैंक केवल एक नॉमिनी की अनुमति देते थे।
नए नियम के तहत, अकाउंट होल्डर नॉमिनी के बीच अपनी इच्छानुसार हिस्सेदारी भी तय कर सकते हैं। लॉकर के लिए भी चार नॉमिनी और उनके क्रम को तय करना संभव है। इसका मतलब है कि अगर पहला नॉमिनी मौजूद नहीं है, तो दूसरा क्रम वाला नॉमिनी क्लेम कर सकता है। इस बदलाव से न केवल कानूनी जटिलताओं में कमी आएगी, बल्कि परिवार में संपत्ति विवाद भी कम होंगे और फंड सही समय पर जल्दी मिल पाएंगे।