Edited By Shubham Anand,Updated: 05 Sep, 2025 08:19 PM

7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा पर साल का अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा, जो भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में होगा और 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा। ज्योतिषीय दृष्टि से इसका असर प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर बाढ़ और भूस्खलन के...
नेशनल डेस्क: 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा, जो भारत में भी साफ तौर पर देखा जाएगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा और कुंभ राशि तथा पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में होगा। खगोलशास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक पहुंचने से रुक जाती है।
चंद्र ग्रहण का भारत की भौगोलिक स्थिति पर प्रभाव
ज्योतिषाचार्य राजकुमार शास्त्री के मुताबिक, पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला चंद्र ग्रहण ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान राहु-चंद्रमा का योग बनता है, जो प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाएं बढ़ा देता है। चंद्र ग्रहण के कारण जल सैलाब और भारी वर्षा की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि चंद्रमा जल तत्व का कारक है। पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं भी अधिक होती हैं।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर, वैष्णो देवी और पंजाब जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ है, जिसे इस ग्रहण की चेतावनी से जोड़कर देखा जा रहा है।
किसे रहना होगा सावधान?
इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से शतभिषा नक्षत्र और पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मे लोगों पर ज्यादा रहेगा। जिनकी चंद्रमा की महादशा इन नक्षत्रों में चल रही है, उन्हें विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल और धार्मिक महत्व
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान भोजन करना, सोना और पूजा-पाठ वर्जित होता है। हालांकि, ग्रहण के समय भगवान के मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
चंद्र ग्रहण की समयावधि
भारतीय समयानुसार, ग्रहण 7 सितंबर को रात 9:58 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर को मध्यरात्रि 1:26 बजे तक रहेगा। इसका सबसे महत्वपूर्ण और चरम समय रात 11:42 बजे होगा। ग्रहण के पहले स्पर्श का समय रात 8:59 बजे है, जबकि अंतिम स्पर्श रात 2:24 बजे होगा। इस प्रकार, संपूर्ण ग्रहण काल लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक रहेगा।
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण ‘ब्लड मून’ के रूप में दिखाई देगा, जिसमें चंद्रमा लाल रंग का प्रतीत होगा। यह ग्रहण देश और दुनिया दोनों की भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियों पर असर डाल सकता है, इसलिए सतर्कता आवश्यक है।