चुनाव जीतने के बाद शत्रुघ्न ने की ममता की तारीफ, कहा- 2024 के आम चुनावों में ‘‘गेम-चेंजर'' साबित होंगी दीदी

Edited By Updated: 17 Apr, 2022 08:59 PM

mamta banerjee will prove to be a game changer in the 2024 general elections

तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर आसनसोल लोकसभा सीट तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने के एक दिन बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के आम चुनाव में "गेम-चेंजर" साबित होंगी।

नेशनल डेस्क: तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर आसनसोल लोकसभा सीट तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने के एक दिन बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के आम चुनाव में "गेम-चेंजर" साबित होंगी। अभिनेता से नेता बने सिन्हा ने एक साक्षात्कार में रविवार को कहा कि आसनसोल लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में रिकॉर्ड अंतर से उनकी जीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व की वजह से हुई है। सिन्‍हा ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ ''एक नई और सबसे अच्छी पारी'' शुरू करने को लेकर उत्साहित हैं।

'शॉटगन सिन्हा' के नाम से मशहूर शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे और अब टीएमसी उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से जीते हैं। सिन्‍हा ने कहा कि अब उन्‍हें सही दिशा मिल गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के लोकसभा की सदस्यता और साथ ही भाजपा से इस्तीफे के कारण आसनसोल में उपचुनाव कराना पड़ा। सुप्रियो ने खुद टीएमसी के टिकट पर बालीगंज विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता है। सिन्हा ने कहा कि भाजपा द्वारा ‘धनशक्ति' और सत्ता का दुरुपयोग किए जाने के बावजूद, आसनसोल की जीत ममता बनर्जी के सक्षम नेतृत्व और टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कड़ी मेहनत के कारण है जिसे 2021 के बंगाल चुनाव में भाजपा को शिकस्त देने के ममता के 'खेला होबे' के विस्तार के रूप में देखा जा सकता है।

ममता बनर्जी ने आसनसोल में टीएमसी उम्मीदवार के रूप में सिन्‍हा पर दांव लगाया और यह सीट पहली बार उनकी पार्टी को मिली है। 1957 से 1967 के बीच आसनसोल लोकसभा सीट कांग्रेस के पास रही। 1967 से 1971 तक यह सीट संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के पास थी जबकि 1971 से 1980 तक माकपा ने इस सीट पर कब्जा रखा। 1980 से 1989 तक यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही जबकि 1989 से 2014 तक यह फिर माकपा के पास रही। वर्ष 2014 में पहली बार यहां पर भाजपा के टिकट पर बाबुल सुप्रियो ने विजय पताका फहराई और इसके बाद 2019 में भी उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी। यह सीट सुप्रियो के लोकसभा की सदस्यता और भाजपा से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थी तथा उपचुनाव में पहली बार टीएमसी को जीत मिली।

सिन्‍हा ने भाजपा की अग्निमित्रा पॉल को 3,03,209 मतों के भारी अंतर से हराकर टीएमसी के लिए आसनसोल का किला फतह कर लिया। उनकी जीत का अंतर बाबुल सुप्रियो की तुलना में बहुत अधिक है, जिन्होंने 2019 के आम चुनाव में फिल्म अभिनेत्री और टीएमसी उम्मीदवार मुनमुन सेन को 1,97,000 वोट से हराकर सीट हासिल की थी। शत्रुघ्न सिन्हा के 2024 के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल के बाहर टीएमसी के पदचिह्न के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "ममता दीदी अगले आम चुनाव में गेम चेंजर साबित होंगी।" भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद सिन्हा को 2019 में पार्टी ने टिकट नहीं दिया था जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। हालांकि वह पिछले आम चुनाव में पटना साहिब से पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से हार गए थे।

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!