होली से पहले ही खून की 'होली'... दिल्ली हिंसा पर ममता बनर्जी ने लिखी भावुक कविता

Edited By Updated: 27 Feb, 2020 12:10 PM

mamta banerjee wrote emotional poem on delhi violence

दिल्ली में नागरिकता संशोधन एक्ट के नाम पर हुई हिंसा की आग में राजधाली झुलस रही है। कई बेगुनाह लोग इस आग की भेंट चढ़ चुके हैं। वही इसे लेकर राजनीति भी खूब गरमा गई है। नेतागण एक दूसरे पर आरोप लगाने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं...

नेशनल डेस्क: दिल्ली में नागरिकता संशोधन एक्ट के नाम पर हुई हिंसा की आग में राजधाली झुलस रही है। कई बेगुनाह लोग इस आग की भेंट चढ़ चुके हैं। वही इसे लेकर राजनीति भी खूब गरमा गई है। नेतागण एक दूसरे पर आरोप लगाने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली हिंसा को लेकर दिल छू देने वाली कविता लिखी है। 

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ममता बनर्जी ने इस कविता के माध्यम से तोड़फोड़ और आगजनी की  घटनाओं का जवाब मांगा है। उन्होंने लिखा कि एक ओझल हुए पते की खोज, बंदूक की नोक पर देश में उफान लेता एक तूफान, शांत रहने वाले देश का हिंसक हो जाना, क्या यह लोकतंत्र का अंत है? बनर्जी ने लिखा कि कौन जवाब देगा? क्या कोई समाधान होगा? हम और आप बहरे और गूंगे हैं/पवित्र धरा नर्क में तब्दील हो रही है।

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ममता की यह कविता अंग्रेजी, हिन्दी और बांग्ला भाषा में है। दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नाम पर दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 56 पुलिसकर्मियों समेत करीब 200 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस घटना के बाद आईबी के एक कर्मचारी का शव नाले से बरामद किया गया है। 

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