खाने में मिलावट के खिलाफ मान सरकार का सबसे बड़ा अभियान, अब मिलावट करने वाले सीधे जाएंगे जेल

Edited By Updated: 06 Aug, 2025 07:53 PM

mann government s biggest campaign against food adulteration

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने मिलावटखोरी और खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों के खिलाफ जिस पैमाने पर कार्रवाई की है, वह पूरे देश में एक मिसाल बन गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार ने खाद्य सुरक्षा को सिर्फ कागज़ी बात नहीं रहने दिया,...

नेशनल डेस्क: पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने मिलावटखोरी और खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों के खिलाफ जिस पैमाने पर कार्रवाई की है, वह पूरे देश में एक मिसाल बन गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार ने खाद्य सुरक्षा को सिर्फ कागज़ी बात नहीं रहने दिया, बल्कि इसे हर पंजाबी की थाली तक पहुंचाया है। ये वही सरकार है जिसने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए बड़े फैसले लिए, मोहल्ला क्लीनिक जैसी स्वास्थ्य सेवाएं घर-घर तक पहुंचाईं, और नशे के खिलाफ पाठ्यक्रम से लेकर सड़क सुरक्षा तक कई मोर्चों पर काम करके दिखाया।

अब खाने-पीने की चीजों में मिलावट के खिलाफ यह बड़ी मुहिम पंजाब में बदलाव की एक और ठोस मिसाल बन गई है। पिछले तीन सालों में खाने-पीने की चीज़ों की शुद्धता को लेकर सरकार ने जो ज़मीनी काम किया है, वो अभूतपूर्व है। दूध, पनीर, देसी घी, मसाले, मिठाइयां, फास्ट फूड, फल और सब्ज़ियों के हज़ारों सैंपल लिए गए और उनकी जांच की गई। जहां भी मिलावट या खराब गुणवत्ता पाई गई, सरकार ने तुरंत कार्रवाई की, सामान जब्त हुआ, नष्ट किया गया और संबंधित लोगों पर कानूनी केस दर्ज किए गए।

सरकार की सतर्कता का नतीजा रहा कि पनीर के 2340 सैंपलों की जांच में 1000 से ज़्यादा गड़बड़ियों की पहचान कर, मिलावटखोरों पर कड़ी कार्रवाई की गई। 5300 किलो से ज़्यादा पनीर जब्त किया गया और 4200 किलो नष्ट कर दिया गया। दूध के 2559 सैंपलों में से 700 अमानक पाए गए, और 4000 किलो दूध ज़ब्त और नष्ट किया गया। इसी तरह देसी घी, मसाले, मिठाइयां, फल-सब्ज़ियों में भी जहां भी गड़बड़ी पाई गई, सरकार ने बिना देर किए कार्रवाई की। यह संभव हुआ सरकार की मजबूत और आधुनिक व्यवस्था से। हर जिले में “फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स” मोबाइल लैब यूनिट तैनात की गई हैं, जो मौके पर जाकर जांच करती हैं।

खरड़ की स्टेट फूड टेस्टिंग लैब, मोहाली का बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर, लुधियाना की वेटरनरी यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान इस मिशन को तकनीकी आधार दे रहे हैं। इसके साथ ही, पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य बना जिसने बच्चों को बेचे जाने वाले एनर्जी ड्रिंक्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया। 500 से ज्यादा जागरूकता शिविर, 150 से ज्यादा 'ईट राइट इंडिया' सर्टिफाइड स्ट्रीट फूड हब और क्लीन कैंपस—ये सब बताने के लिए काफी हैं कि सरकार ने सिर्फ कानून लागू नहीं किए, बल्कि लोगों की सोच और आदतों में भी बदलाव लाने की कोशिश की है।

मान सरकार का यह अभियान सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि लोगों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश है कि उनकी सेहत और उनके बच्चों के भविष्य के साथ कोई समझौता नहीं होगा। यह सरकार केवल घोषणाएं नहीं करती, बल्कि काम करके दिखाने में यकीन रखती है। पंजाब की इस नई तस्वीर में एक नया भरोसा है, एक नई उम्मीद है। आज हर पंजाबी को यह महसूस हो रहा है कि उनकी सरकार उनके साथ खड़ी है, ईमानदारी से, मेहनत से और पूरे दिल से। भगवंत मान की सरकार ने एक बात साफ़ कर दी है, अब पंजाब में सेहत से कोई समझौता नहीं होगा, और हर घर में साफ, सुरक्षित और भरोसेमंद खाना ही पहुंचेगा।

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