मायावती ने सपा पर साधा निशाना, कहा- 'दोगले लोगों से सावधान रहें बहुजन समाज'

Edited By Updated: 09 Oct, 2025 01:50 PM

mayawati targeted the sp saying bahujan samaj should beware of double faced

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) पर दलित महापुरुषों के सम्मान को लेकर दोहरे पैमाने अपनाने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सत्ता में रहने पर इन महापुरुषों की उपेक्षा करने और...

नेशनल डेस्क: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) पर दलित महापुरुषों के सम्मान को लेकर दोहरे पैमाने अपनाने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सत्ता में रहने पर इन महापुरुषों की उपेक्षा करने और सत्ता से बाहर जाने के बाद उन्हें याद करने वाले 'दोगले' लोगों से बहुजन समाज को सावधान रहने की जरूरत है। मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम के 19वें परिनिर्वाण दिवस पर राजधानी में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

वहीं, उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को अपनी सरकार में बनवाये गये स्मारकों का ख्याल रखने के लिये उन्होंने धन्यवाद दिया। मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा, ''सपा के लोग दो-तीन दिन पहले मीडिया में खबर छपवा रहे थे कि वे मान्यवर श्री काशीराम जी के सम्मान में संगोष्ठी करेंगे लेकिन जब वह सरकार में रहते हैं तो ना उन्हें पीडीए याद आता है और ना मान्यवर श्री कांशीराम जी की जयंती याद रहती है और ना ही पुण्यतिथि याद रहती है, लेकिन जब वह सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी को याद आता है कि हमें संगोष्ठी करनी चाहिये।''

उन्होंने कहा, ''मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि अगर काशीराम के प्रति आपका इतना ही आदर सम्मान था तो जब उत्तर प्रदेश में मेरी सरकार थी तो सरकार ने अलीगढ़ मंडल में कासगंज के नाम से अलग जिला बनाया और उसका नाम कांशीराम नगर रखा था लेकिन जैसे ही सपा सत्ता में आई उसने नाम बदल दिया। कांशीराम जी के नाम पर हमने विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के नाम रखे, जनहित की योजनाएं शुरू कीं मगर बाद में आयी सपा सरकार ने सभी बड़ी-बड़ी योजनाओं को बंद कर दिया। यह इनका दोहरा चरित्र नहीं है तो क्या है?'' मायावती ने कहा, ''जब यह सत्ता में रहते हैं तो ना इनको पीडीए (सपा का पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक का नारा) याद आता है और ना ही पीडीए के संत, गुरु और महापुरुष याद आते हैं।

जब वे सत्ता से बाहर हो जाते हैं तब उन्हें हमारे संत, गुरु और महापुरुष याद आते हैं। ऐसे दोगले लोगों से आप लोगों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है।'' उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी ने दलितों के मसीहा बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को लोकसभा में चुनकर नहीं जाने दिया और ना ही उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि आंबेडकर के आंदोलन को आगे गति देने वाले बसपा संस्थापक कांशीराम के निधन पर केंद्र में रही कांग्रेस सरकार ने उनके सम्मान में एक दिन भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था। कांग्रेस ने देश में पिछड़े वर्गों की आरक्षण संबंधी मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया था।

उन्होंने कहा कि बसपा के अथक प्रयासों से विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में ही उसे लागू किया गया था और इसी सरकार के कार्यकाल में आंबेडकर को भी 'भारत रत्न' की उपाधि से सम्मानित किया गया था। मायावती ने कार्यकर्ताओं का पार्टी को मजबूत करके एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाने का आह्वान किया और कहा कि तभी बहुजन समाज के पूर्ण उत्थान का आंबेडकर का सपना पूरा हो सकता है। मायावती ने कहा, ''जातिवादी पार्टियों की सरकारों में जनता को धोखा देने के लिए आये दिन घोषणाएं, शिलान्यास और उद्घाटन तो काफी किए जाते हैं लेकिन इसे जनता को कोई खास लाभ मिलने वाला नहीं है, क्योंकि यह कागजी और हवा हवाई ज्यादा और जमीनी हकीकत से बहुत कम जुड़े होते हैं। ऐसी स्थिति में आप लोगों को पूरा पूरे देश में सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की नीतियों पर आधारित अपनी पार्टी को ही हर मामले में मजबूत बनाकर इस केंद्र एवं राज्यों की सत्ता में लाना बहुत जरूरी है।''

मायावती ने इस मौके पर राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार का शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने कहा, ''बसपा राज्य सरकार की भी बहुत-बहुत आभारी है क्योंकि इस स्थल को देखने वाले लोगों के टिकटों का एकत्र हुआ पैसा पूर्व की सपा सरकार की तरह वर्तमान भाजपा की राज्य सरकार ने दबा कर नहीं रखा है बल्कि पार्टी के आग्रह करने पर इस स्मारक की मरम्मत करने पर पूरा खर्च किया है।'' बसपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2007 में अपनी सरकार के शासनकाल में व्यवस्था की थी कि कांशीराम के सम्मान में बनवाये गये स्मारक स्थल के लिये टिकट लगाया जाएगा और उससे मिलने वाले धन को राजधानी लखनऊ में बनवाये गये स्मारकों और उद्यानों के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ''लेकिन दुख की बात यह है कि जब वर्तमान भाजपा सरकार से पहले यहां सपा की सरकार थी तो सपा सरकार ने उस टिकट के पैसे को दबाकर रखा। एक भी पैसा उसने इन स्मारकों के रखरखाव पर नहीं खर्च किया। हालत बड़ी जर्जर हो गई थी तब मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी (योगी आदित्यनाथ) को चिट्ठी लिखकर उनसे निवेदन किया तो उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा की सरकार ने इस मामले को पूरा दिखवाया और उसके बाद उन्होंने हमसे वादा किया कि हम टिकटों का पैसा इन स्थलों के रखरखाव पर लगाएंगे और उन्होंने लगाया भी। इसलिए हमारी पार्टी उनकी आभारी है।''

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