Ambulance: मेरठ के इंजीनियर ने बनाई नैनो से छोटी एंबुलेंस, अब हर मरीज को मिलेगी मदद

Edited By Updated: 27 Sep, 2025 05:29 PM

meerut engineer builds an ambulance smaller than nano now every patient will

मेरठ के सुधांशू पाल नाम के युवा इनोवेटर ने ऐसा अनोखा काम किया है, जिसने सबका ध्यान खींच लिया है। उन्होंने एक ऐसी एंबुलेंस डिजाइन की है, जो टाटा नैनो से भी छोटी है और भीड़भाड़ वाले इलाकों या संकरी गलियों में भी आसानी से मरीज तक पहुंच सकती है। यूपी...

नेशनल डेस्क: मेरठ के सुधांशू पाल नाम के युवा इनोवेटर ने ऐसा अनोखा काम किया है, जिसने सबका ध्यान खींच लिया है। उन्होंने एक ऐसी एंबुलेंस डिजाइन की है, जो टाटा नैनो से भी छोटी है और भीड़भाड़ वाले इलाकों या संकरी गलियों में भी आसानी से मरीज तक पहुंच सकती है। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में इस एंबुलेंस की खूब चर्चा हो रही है।

नैनो से 20 सेंटीमीटर छोटी
यह एंबुलेंस सिर्फ 2.9 मीटर लंबी है, यानी टाटा नैनो से भी करीब 20 सेंटीमीटर छोटी। इसके बावजूद इसमें दो स्ट्रेचर, ऑक्सीजन सिलेंडर, स्मार्ट मॉनिटर, बीपी और पल्स ऑक्सीमीटर, साथ ही प्राथमिक चिकित्सा किट जैसी सारी जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं।


बैटरी और सोलर से चलने वाली
इस माइक्रो एंबुलेंस की खासियत यह है कि इसे बैटरी और सौर ऊर्जा दोनों से चलाया जा सकता है। बिजली न होने वाले ग्रामीण इलाकों को ध्यान में रखते हुए इसमें सोलर पैनल लगाए गए हैं। एक बार चार्ज करने पर यह 40 किलोमीटर तक चल सकती है।


कीमत और वेरिएंट
यह एंबुलेंस दो अलग-अलग वेरिएंट में बनाई गई है:
400 किमी रेंज वाला मॉडल – 8.5 लाख रुपये
200 किमी रेंज वाला मॉडल – 6.5 लाख रुपये


विदेश की नौकरी छोड़कर देश लौटे सुधांशू
सुधांशू पाल इटली की एक नामी ऑटोमोबाइल डिजाइन कंपनी में लग्जरी गाड़ियों पर काम करते थे। करोड़ों के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर उन्होंने भारत वापसी की और आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए अपना स्टार्टअप शुरू किया। उनकी सोच थी कि ऐसा वाहन बनाया जाए, जो देश के दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर सके।


गांव और पहाड़ी इलाकों के लिए वरदान
सुधांशू की यह एंबुलेंस खासकर उन जगहों के लिए बनाई गई है, जहां बड़ी एंबुलेंस पहुंच पाना मुश्किल होता है। चाहे वह पहाड़ी रास्ते हों, घनी बस्तियां हों या ट्रैफिक जाम में फंसे शहर – यह छोटी एंबुलेंस मरीज तक आसानी से पहुंच सकती है और समय रहते जान बचा सकती है।


कम लागत में बेहतर सुविधा
सुधांशू का कहना है कि इस एंबुलेंस की रनिंग कॉस्ट सामान्य एंबुलेंस की तुलना में बेहद कम है। इसका छोटा आकार, सौर ऊर्जा आधारित तकनीक और लो-मेंटेनेंस डिज़ाइन इसे निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए भी किफायती बनाता है।


देश सेवा का सपना
सुधांशू बताते हैं कि विदेश में नौकरी करते समय सबकुछ था, लेकिन मन को सुकून नहीं मिलता था। हमेशा यह ख्याल आता था कि अपने देश के लिए कुछ करना है। यही सोच उन्हें वापस भारत ले आई और आज उनकी मेहनत से बनी यह माइक्रो एंबुलेंस लोगों की जान बचाने में मददगार साबित हो सकती है।

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