Railway News: मिजोरम के लिए ऐतिहासिक पल, शनिवार से शुरू होगी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन, जानें रूट और शिड्यूल

Edited By Updated: 11 Sep, 2025 05:27 PM

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मिजोरम की राजधानी आइजोल पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जुड़ने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को सैरांग से आनंद विहार तक पहली राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन 2,510 किमी की दूरी 43 घंटे 25 मिनट में तय करेगी।...

नेशनल डेस्क : आजादी के 78 वर्षों बाद मिजोरम की राजधानी आइजोल पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से सीधे जुड़ने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार, 13 सितंबर को मिजोरम के सैरांग स्टेशन से दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल तक चलने वाली पहली राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, यह ट्रेन मिजोरम और देश की राजधानी के बीच पहली सीधी रेल सेवा होगी, जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को नई गति देगी।

ट्रेन 2,510 किलोमीटर की दूरी मात्र 43 घंटे 25 मिनट में तय करेगी, जिसकी औसत गति 57.81 किमी प्रति घंटा होगी। 20 कोचों वाली इस ट्रेन का उद्घाटन समारोह बैराबी-सैरांग नई रेल परियोजना के उद्घाटन के साथ ही होगा, जो 51.38 किलोमीटर लंबी है और 2014 में पीएम मोदी द्वारा शिलान्यासित की गई थी।

नियमित सेवा 19 सितंबर से
13 सितंबर को उद्घाटन के अवसर पर ट्रेन का शेड्यूल नियमित सेवा से भिन्न रहेगा। सुबह 10 बजे सैरांग स्टेशन से रवाना होकर यह ट्रेन सोमवार सुबह 7:30 बजे आनंद विहार पहुंचेगी। वहीं, नियमित साप्ताहिक सेवा 19 सितंबर से प्रारंभ होगी। ट्रेन संख्या 20597 के तहत यह राजधानी एक्सप्रेस शुक्रवार शाम 4:30 बजे सैरांग से प्रस्थान करेगी और रविवार सुबह 10:50 बजे दिल्ली पहुंचेगी।

वापसी यात्रा में ट्रेन संख्या 20598 के रूप में यह 21 सितंबर को रविवार रात 7:50 बजे आनंद विहार से रवाना होकर मंगलवार, 23 सितंबर को दोपहर 3:15 बजे सैरांग पहुंचेगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह सेवा सप्ताह में एक बार चलेगी, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी।

प्रमुख स्टेशनों पर ठहराव
राजधानी एक्सप्रेस सैरांग और आनंद विहार को छोड़कर कुल 21 स्टेशनों पर रुकेगी। इसमें गुवाहाटी, न्यू कूचबिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, मालदा टाउन, भागलपुर, पटना, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और कानपुर सेंट्रल जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं। यह रूट पूर्वोत्तर से उत्तर भारत को जोड़ते हुए यात्रियों को सुविधाजनक ठहराव प्रदान करेगा।

सभी स्टेशन जहां होंगे स्टॉपेज

    क्रमांक   स्टेशन का नाम   आगमन       प्रस्थान 
 1  सैरांग (Sairang) --    16:30      
 2  बैराबी (Bairabi)  17:18    17:20
 3  हैलाकांडी (Hailakandi)  18:28    18:30
 4  बदरपुर जंक्शन (Badarpur Jn)  19:40    19:50
 5  न्यू हाफलोंग (New Haflong)  21:50    21:52
 6  होजाई (Hojai)  01:43    01:45
 7  गुवाहाटी (Guwahati)  04:00    04:15
 8  रंगिया जंक्शन (Rangiya Jn)  05:13    05:15
 9  बारपेटा रोड (Barpeta Road)  06:00    06:02
 10  न्यू बोंगाईगांव (New Bongaigaon)  07:10    07:12
 11  न्यू कूच बेहार (New Cooch Behar)  08:45    08:55
 12   न्यू जलपाईगुड़ी (New Jalpaiguri)  10:35    10:45
 13  मालदा टाउन (Malda Town)  14:50    15:00
 14  साहिबगंज जंक्शन (Sahibganj Jn)  16:53    16:55
 15  भागलपुर (Bhagalpur)  18:10    18:15
 16  जमालपुर जंक्शन (Jamalpur Jn)  19:10    19:15
 17  पटना जंक्शन (Patna Jn)  22:00    22:10
 18  दीनदयाल उपाध्याय जं. (DDU)  01:20    01:30
 19  कानपुर सेंट्रल (Kanpur Central)  05:30    05:35
 20  आनंद विहार टर्मिनल (Anand Vihar Terminal)  10:50    गंतव्य

इंजन परिवर्तन
रेलवे के अनुसार, बैराबी से सैरांग तक की नई लाइन अभी विद्युतीकृत नहीं हुई है, इसलिए इस खंड में डीजल इंजन का उपयोग होगा। गुवाहाटी से दिल्ली तक का सफर इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा पूरा किया जाएगा। इससे ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। राजधानी एक्सप्रेस के अलावा पीएम मोदी दो अन्य ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। इनमें सैरांग-गुवाहाटी डेली एक्सप्रेस और सैरांग-कोलकाता त्रि-साप्ताहिक एक्सप्रेस शामिल हैं। ये ट्रेनें मिजोरम को असम और पश्चिम बंगाल से जोड़ेंगी, जिससे दैनिक यात्रा और व्यापार सुगम होगा।

बैराबी-सैरांग परियोजना: चुनौतियों के बीच ऐतिहासिक उपलब्धि
पीटीआई के हवाले से रेल अधिकारियों ने बताया कि बैराबी, मिजोरम का सीमावर्ती कस्बा, पहले मीटर गेज लाइन से जुड़ा था, जिसे 2016 में ब्रॉड गेज में परिवर्तित किया गया। अब इसे सैरांग तक विस्तारित कर आइजोल को रेल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। सितंबर 1999 में प्रस्तावित इस परियोजना को कठिन भौगोलिक परिस्थितियों, सीमित कार्य अवधि, बार-बार भूस्खलनों और घने जंगलों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कुल 8,071 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस लाइन पर 48 सुरंगें, 55 बड़े और 27 छोटे ब्रिज बने हैं, जिसमें सबसे ऊंचा ब्रिज (104 मीटर) कुतुब मीनार से भी लंबा है।

इस परियोजना से न केवल मिजोरम की जीडीपी में 2-3 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, बल्कि म्यांमार सीमा तक विस्तार की संभावना भी खुल रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' की बड़ी सफलता बताया है। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा, "यह हमारी पीढ़ियों का सपना था, जो अब साकार हो रहा है।"

 

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