SCO में मोदी, पुतिन और जिनपिंग का साझा मंच, ट्रंप को कड़ा संदेश

Edited By Updated: 30 Aug, 2025 01:39 AM

modi putin and jinping on a common platform at sco a strong message for trump

अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है, जिसकी अगुवाई कर रहे हैं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। यह शक्ति प्रदर्शन केवल एक शिखर सम्मेलन नहीं है, बल्कि एक भूराजनीतिक संदेश भी है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी आर्थिक...

इंटरनेशनल डेस्कः अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है, जिसकी अगुवाई कर रहे हैं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। यह शक्ति प्रदर्शन केवल एक शिखर सम्मेलन नहीं है, बल्कि एक भूराजनीतिक संदेश भी है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी आर्थिक नीतियों के खिलाफ।

SCO समिट: एशिया की ताकत एक मंच पर

31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की 25वीं शिखर बैठक आयोजित हो रही है। इस समिट में SCO के सभी दस सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे, जिनमें भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं।

इस मंच पर एक साथ होंगे:

यह एक प्रकार का शक्ति केंद्र (Power Bloc) बनने जैसा है, जो स्पष्ट रूप से ट्रंप की एकतरफा टैरिफ नीतियों और अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

ट्रंप की टैरिफ नीति और एशियाई नाराज़गी

डोनाल्ड ट्रंप के हालिया ऐलान के मुताबिक, अमेरिका भारत समेत कई एशियाई देशों के उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाने की तैयारी में है। इसका असर खासतौर पर भारतीय वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, और चीन व रूस के तकनीकी निर्यात पर पड़ सकता है। यही वजह है कि SCO समिट को केवल सहयोग का मंच नहीं, बल्कि अमेरिका को एक कड़ा कूटनीतिक संदेश देने का जरिया भी माना जा रहा है।

द्विपक्षीय वार्ताएं भी होंगी अहम

समिट के इतर, प्रधानमंत्री मोदी शी जिनपिंग और पुतिन से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। उम्मीद है कि इन बैठकों में:

  • अमेरिकी टैरिफ के विकल्प

  • ब्रिक्स के समानांतर व्यापार व्यवस्था

  • रूपया-रुबल और युआन आधारित ट्रेड पेमेंट सिस्टम
    जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।

समिट के बाद दिखेगा सैन्य शक्ति प्रदर्शन: विक्ट्री डे परेड

SCO समिट के बाद जिनपिंग का पावर शो यहीं खत्म नहीं होगा। 2 सितंबर को बीजिंग में चीन “जापान पर विजय दिवस” मनाने जा रहा है। इस मौके पर आयोजित होगी:

 अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड, जिसमें होंगे:

  • रूसी राष्ट्रपति पुतिन

  • उत्तर कोरिया के किम जोंग उन

  • ईरान के राष्ट्रपति पाजेश्कियान

  • और 26 अन्य देशों के राष्ट्रप्रमुख

यह परेड सिर्फ चीन की सैन्य ताकत नहीं, बल्कि एंटी-अमेरिकन वैश्विक एकता का संदेश भी होगी।

अमेरिका को स्पष्ट संदेश: अब डरने का वक्त नहीं

एक ओर SCO समिट में कूटनीतिक तालमेल, दूसरी ओर विक्ट्री डे परेड में सैन्य ताकत — इन दोनों आयोजनों के ज़रिए जिनपिंग, पुतिन और किम यह संदेश देना चाहते हैं कि वे ट्रंप के आर्थिक दबावों से झुकने वाले नहीं हैं। यह शक्ति प्रदर्शन ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के सामने ‘एशिया राइज़िंग’ की चुनौती बनकर खड़ा हो रहा है।

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