नेशनल हेराल्ड केस: कोर्ट में ईडी से तीखे सवाल, गांधी परिवार पर आरोपों पर फंसे जवाब

Edited By Updated: 03 Jul, 2025 11:21 AM

national herald case sharp questions from ed in court

नेशनल हेराल्ड मामले में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अदालत में कुछ तीखे सवालों का सामना करना पड़ा, जहां वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों को लेकर जवाब देने में अटक गए। ईडी ने आरोप लगाया कि 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति...

नेशनल डेस्क: नेशनल हेराल्ड मामले में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अदालत में कुछ तीखे सवालों का सामना करना पड़ा, जहां वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों को लेकर जवाब देने में अटक गए। ईडी ने आरोप लगाया कि 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति उपलब्ध होने के बावजूद, उसे केवल 50 लाख रुपये में क्यों दिया गया, जिससे 'संपत्ति पर कब्जा' करने का संदेह पैदा होता है।

ईडी के तर्क पर अदालत का सवाल
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने यंग इंडियन पर सवाल उठाया, जिसके अधिकांश शेयर सोनिया और राहुल गांधी के पास हैं। उन्होंने पूछा कि यंग इंडियन ऐसा कर्ज क्यों लेगी जिसकी कागजों पर कोई कीमत नहीं है, और क्या वे इतने 'नासमझ' हैं कि ऐसा कर्ज ले लेंगे। इस पर अदालत ने ईडी से नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के गांधी परिवार से संबंध पर स्पष्टीकरण मांगा, क्योंकि यह आजादी से पहले शुरू हुआ था और गांधी परिवार से जुड़ा कोई व्यक्ति इसका संस्थापक था। कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या गांधी परिवार एजेएल में पहले से शामिल था या नहीं, क्योंकि ईडी का आरोप है कि उन्होंने हिस्सेदारी पर कब्जा करने के लिए ही इसमें प्रवेश किया।

जवाब देने में अटके ईडी के वकील
ईडी के वकील इस सवाल पर अटक गए और तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग एक 'निरंतर अपराध' है, और यह 'जरूरी नहीं' है कि एजेएल को पहले कौन नियंत्रित कर रहा था। हालांकि, कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि यह 'महत्वपूर्ण' है क्योंकि ईडी ने आरोप लगाया है कि गांधी परिवार ने एजेएल की हिस्सेदारी पर कब्जा करने के लिए इसमें प्रवेश किया।

बैंकों के एनपीए से तुलना और ईडी का बचाव
एएसजी राजू ने यह भी कहा कि उधारकर्ता के पास कर्ज चुकाने के पैसे न होने के बावजूद उधारदाता पैसे भेजता रहा। इस पर कोर्ट ने पूछा कि अगर कांग्रेस ने यह लोन माफ कर दिया होता तो क्या होता, क्योंकि बैंक भी ऐसा करते हैं और उन्हें आरोपी नहीं बनाया जाता। कोर्ट ने सवाल किया कि यह मामला अन्य कंपनियों से कैसे अलग है और ईडी ने इसे जांच के लायक क्यों समझा, जबकि पीएसयू भी करोड़ों रुपये 'राइट-ऑफ' करते हैं।

ईडी के वकील ने जवाब दिया कि बैंकों के पास खुद संपत्ति नहीं होती, इसलिए उन्हें कर्ज देना पड़ता है और समझौता करना पड़ता है। लेकिन इस मामले में 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति उपलब्ध थी, फिर भी उसे केवल 50 लाख रुपये में दिया गया। कोर्ट ने फिर पूछा कि क्या यह मामला एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) जैसा था, जिस पर ईडी के वकील ने इनकार किया और कहा कि संपत्ति की पूरी कीमत थी। इस दौरान ईडी ने संकेत दिए कि कांग्रेस पार्टी भी जांच के दायरे में आ सकती है, हालांकि अभी उसे आरोपी नहीं बनाया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!